पणजी, 31 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष और विधायक विजय सरदेसाई ने बुधवार को कहा कि गोवा में कोई ‘राम राज्य’ नहीं है, यहां लोग बेरोजगारी, महंगाई और अपनी पहचान पर खतरे से पीड़ित हैं।
सरदेसाई ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह आगामी बजट सत्र के दौरान राज्य से संबंधित सभी मुद्दे उठाएंगे।
सरदेसाई ने कहा, “सरकार जश्न मनाने की मुद्रा में है। उन्हें लगता है कि राम राज्य आ गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि गोवावासी बेरोजगारी, मूल्यवृद्धि और अपनी पहचान पर खतरे से पीड़ित हैं।”
सरदेसाई ने राज्य को परेशान करने वाले कई जटिल मुद्दों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने विधानसभा सत्र की सीमित समय सीमा का जिक्र किया, जो सरकार की प्रगति पर व्यापक बहस और चर्चा के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए हमेशा अपर्याप्त साबित होती है।
सरदेसाई ने राज्य के सामने बेरोजगारी, स्वास्थ्य देखभाल की कमी, कृषि मुद्दे, घटते पर्यटन, विरासत स्थलों की उपेक्षा, बढ़ता राज्य ऋण, बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दे जैसे भोमा राजमार्ग मुद्दा, लोगों द्वारा सामना किए जाने वाले प्रतिबंध जैसी कई चुनौतियों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, “सत्र की सीमित अवधि इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा को प्रतिबंधित करती है।”
सरदेसाई ने पहले कहा था कि ‘राम राज्य’ का मतलब समावेशिता और बहुलवाद है, न कि एकतरफा शासन।
उनके अनुसार, राम राज्य से लोगों का कल्याण होना चाहिए और प्रगति हासिल करने के लिए सभी धर्मों को एक साथ लेने की अवधारणा को बढ़ावा देना चाहिए।
–आईएएनएस
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