नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। हाल के एक घटनाक्रम में, नकदी संकट से जूझ रहे गो फर्स्ट के ऋणदाताओं ने एयरलाइन के अधिग्रहण के लिए वित्तीय बोलियों की समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ा दी है।
घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि विमानन कंपनी स्काई वन जिसका मुख्यालय शारजाह में है, अमेरिका स्थित एनएस एविएशन और भारतीय एयरलाइन स्पाइसजेट ने आर्थिक रूप से संकटग्रस्त गो फर्स्ट का अधिग्रहण करने में रुचि दिखाई है।
सूत्र ने कहा, “स्काई वन मौजूदा अधिग्रहण में रुचि रखता है लेकिन किसी भी विवरण पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।”
संस्थाओं ने गो फर्स्ट के कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) की देखरेख करने वाले रिजोल्यूशन प्रोफेशनल शैलेन्द्र अजमेरा से संपर्क किया था।
स्पाइसजेट ने दिसंबर में शेयर बाजार को बताया था कि कंपनी ने “गो फर्स्ट के रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के साथ रुचि व्यक्त की है” और संभावित संयोजन में एक मजबूत और व्यवहार्य एयरलाइन बनाने की दृष्टि से एक प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहती है।
उसने बताया कि कंपनी के बोर्ड ने हाल ही में अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और विकास योजनाओं में निवेश करने के लिए संसाधन प्रदान करने के लिए लगभग 27 करोड़ डॉलर की नई पूंजी जुटाने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है।
सूत्रों के मुताबिक, गो फर्स्ट क्रेडिटर्स कमेटी ने एयरलाइन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा करने की समय सीमा 19 जनवरी तक बढ़ा दिया है।
इसके अतिरिक्त, दिवालियापन कानून के तहत सीआईआरपी के लिए वैधानिक 270-दिन की सीमा को ध्यान में रखते हुए, संभावित बोलीदाताओं से अस्थायी रूप से 31 जनवरी तक अपनी बोलियां जमा करने की उम्मीद की जाती है, जो गो फर्स्ट के लिए 4 फरवरी को समाप्त होती है। हालाँकि यदि आवश्यक हो तो इस समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है।
–आईएएनएस
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