ग्वालियर. देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित गोपाल मंदिर बेहद आकर्षक तरीके से सजाया जाता है।
महीनों से खास तैयारी चलती है तो ऐन जन्माष्टमी के मौके पर राधा कृष्ण का बेशकीमती आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है। करोड़ों रुपए के हीरे जवाहरात उन्हें पहनाए जाते हैं। ये गहने साल में एक बार लॉकर से निकाल कर लाए जाते हैं।
मंदिर के पुजारी सागर शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर चौबीस घंटे खुला रहता है। इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक है। जन्माष्टमी पर करोड़ों रुपए के गहनों से सजे राधा कृष्ण को देखने के लिए लोग साल भर इंतजार करते हैं।
उन्होंने बताया कि गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने करवाई थी। सिंधिया राजाओं ने भगवान राधा-कृष्ण की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और श्रृंगार के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण की अद्भुत प्रतिमाएं हैं।
एक श्रद्धालु ने बताया कि राधा कृष्ण पर सजाए जाने वाले इन गहनों की कीमत 100 करोड़ के करीब बताई जाती है। हीरे, मोती और पन्ना जैसे कीमती रत्नों से सुसज्जित भगवान के मुकुट और अन्य आभूषण बेशकीमती गहने सालभर बैंक के लॉकर में रहते हैं।
जन्माष्टमी के दिन 24 घंटे के लिए इन गहनों को सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर लाया जाता है और राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। भगवान 24 घंटे तक ये जेवर पहनकर भक्तों को दर्शन देते हैं। शहर के महापौर दिन के ठीक 12 बजे गहनों से राधा कृष्ण का श्रृंगार कर महाआरती करते हैं।
बता दें कि जन्माष्टमी पर गोपाल मंदिर में राधा कृष्ण की मूर्ति को महंगे आभूषणों से सजाया जाता है, जिसके बाद वे इस खास दिन 24 घंटे भक्तों को दर्शन देते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए मंदिर पर कड़ा पहरा बैठाया जाता है।
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करीब डेढ़ सौ से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मंदिर के गहनों और भक्तों की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की मदद से मंदिर और आसपास के परिसर में पुलिस की निगरानी रहती है।