जबलपुर. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अंशु चौहान गुप्ता की अदालत ने पत्नी द्वारा पति के अलावा जेठ व ससुर के विरुद्ध घरेलू हिंसा का आरोप झूठा पाया. इसी के साथ करिया पाथर निवासी पति प्रिंस उर्फ पंकज अहिरवार, जेठ दीपक अहिरवार और ससुर विष्णु प्रसाद अहिरवार को राहत दे दी.
उनकी ओर से दलील दी गई कि आवेदिका शिवानी अहिरवार का प्रिंस उर्फ पंकज अहिरवार के साथ विवाह हुआ था. विवाह के बाद उसे ससुराल में किसी तरह की कोई प्रताडऩा नहीं दी गई थी. इसके विपरीत वही अपने व्यवहार से पति, जेठ व ससुर सहित अन्य को हलकान किए हुए थी. घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियमके अंतर्गत उसने आवेदन प्रस्तुत किया है, अतरू प्रथम दृष्ट्या उसकी ही जिम्मेदारी है कि वह आरोप प्रमाणित करे.
लेकिन वह अपने आरोप के समर्थन में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी है. इससे स्पष्ट है कि आरोप झूठा है. वस्तविकता यह है कि जब आवेदिका मायके गई तो अनावेदक पति उसे लेने गया, लेकिन वह मायके से ससुराल नहीं आई. इस संबंध में प्रश्न किए जाने पर उसका बयान विरोधाभासी रूप में सामने आया है. अदालत ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद घरेलू हिंसा का आरोप सत्य न पाते हुए मामला निरस्त कर दिया.