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Home Today's Special News

घर के मुखिया की सहमति से आधार में हो सकेगा ऑनलाइन पता अपडेट (लीड-1)

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January 3, 2023
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घर के मुखिया की सहमति से आधार में हो सकेगा ऑनलाइन पता अपडेट (लीड-1)
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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज अपने पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी। देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी।

इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

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यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज अपने पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी। देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी।

इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज अपने पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी। देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी।

इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

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इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

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माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

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इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

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एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

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इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

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यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी।

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज अपने पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी। देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी।

इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी।

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इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

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–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज अपने पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी। देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी।

इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज अपने पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी। देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी।

इस सेवा के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी।

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माई आधार पोर्टल में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

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इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है। यह वह दस्तावेज हैं जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

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