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Home Today's Special News

घातक विस्फोट के बाद आपात बैठक के लिए पाक पीएम और सेना प्रमुख पेशावर पहुंचे

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January 30, 2023
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घातक विस्फोट के बाद आपात बैठक के लिए पाक पीएम और सेना प्रमुख पेशावर पहुंचे
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पेशावर, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर सोमवार को पेशावर पहुंचे, जहां पुलिस लाइन इलाके की एक मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था।

पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

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पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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पेशावर, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर सोमवार को पेशावर पहुंचे, जहां पुलिस लाइन इलाके की एक मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था।

पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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पेशावर, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर सोमवार को पेशावर पहुंचे, जहां पुलिस लाइन इलाके की एक मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था।

पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

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पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर सोमवार को पेशावर पहुंचे, जहां पुलिस लाइन इलाके की एक मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था।

पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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पेशावर, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर सोमवार को पेशावर पहुंचे, जहां पुलिस लाइन इलाके की एक मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था।

पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

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शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

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पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

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शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर आतंक पैदा करना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले ऐसे तत्वों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। शरीफ ने कहा, निर्दोष लोगों के हत्यारों को उदाहरण बनाया जाएगा। संस्थानों समेत पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद इजाज खान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विस्फोट के समय 300 से 400 पुलिस अधिकारी इलाके में थे। एक बयान में, शरीफ ने कहा कि हमले के पीछे इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

पेशावर शहर के उपायुक्त शफीउल्ला खान ने कहा कि मस्जिद के अंदर बचाव अभियान जारी है और और शव निकाले जा रहे हैं। खान ने कहा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है।

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पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में मस्जिद में जुहर की नमाज अदा कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम 47 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए।

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है जो आतंकवादी हमले के पीछे के उद्देश्यों की समीक्षा करेगी। बैठक में सभी संबंधित संस्थानों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बैठक में पेश की जाएगी।

शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ प्रांतीय राजधानी में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधान मंत्री ने एक बयान में कहा कि मुस्लिमों की नमाज अदा करते समय हत्या करना इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन है, और मस्जिद पर हमला साबित करता है कि अपराधियों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं था।

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बीबीसी ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पेशावर मस्जिद हमला टीटीपी द्वारा सुरक्षा बलों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए गंभीर हमलों में अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

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