अगरतला, 8 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को मानव तस्करी और घुसपैठ से संबंधित गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण कम से कम 25 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 21 त्रिपुरा से और 5 असम से हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि त्रिपुरा में पश्चिम त्रिपुरा, दक्षिण त्रिपुरा, सिपाहीजला और उनोकोटी जिलों में गिरफ्तारियां की गईं।
गिरफ्तार व्यक्तियों को पूछताछ और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए राज्य से बाहर ले जाया गया है।
इसके अलावा असम में अलग-अलग जगहों से पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
एनआईए और असम पुलिस ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय में बुधवार को त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों में छापेमारी की।
सूत्रों ने कहा कि इस साल फरवरी में महिलाओं सहित रोहिंगियाओं के एक समूह को असम पुलिस ने असम के करीमगंज रेलवे स्टेशन पर त्रिपुरा से गुवाहाटी जाने वाली ट्रेन से हिरासत में लिया था।
गहन जांच के बाद यह बात सामने आई कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिये भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश कर रहे हैं। तब से असम पुलिस ने सतर्कता और अभियान बढ़ा दिया है, जिसके बाद सीमा सुरक्षा बल की सहायता से 450 अवैध अप्रवासियों (रोहिंग्या/बांग्लादेशी) को रोका गया और लौटा दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि दलालों और बिचौलियों ने अवैध प्रवासियों को गुप्त मार्गों से भारत में प्रवेश करने में मदद की, जो घुसपैठ और मानव तस्करी में प्रमुख भूमिका निभा रहे थं।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि दलाल न केवल भारत-बांग्लादेश सीमा के दोनों ओर, बल्कि देश की मुख्य भूमि पर भी मौजूद हैं।
एक सूत्र ने कहा, “जांच से पता चला कि दलालों का एक नेटवर्क पूरे भारत में मौजूद है, जो अंतर-राज्यीय प्रभाव के साथ एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय है।” उन्होंने बताया कि त्रिपुरा और असम का उपयोग घुसपैठ और मानव तस्करी गतिविधियों के लिए गलियारे के रूप में किया जाता है।
–आईएएनएस
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