deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home Today's Special News

घूस मामले में एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों को तीन साल की सजा

by
February 10, 2023
in Today's Special News, अभिमत, इंदौर, उज्जैन, खेल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, जानकारी, तकनीकी, ताज़ा समाचार, नर्मदापुरम, ब्लॉग, भोपाल, मनोरंजन, रीवा, लाइफ स्टाइल, विचार, शहडोल, सागर
0
घूस मामले में एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों को तीन साल की सजा
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

READ ALSO

‘मुझे जिंदगी से प्यार है’, बीमारी से जूझ रहीं नफीसा अली का भावुक नोट

ट्रेडिशनल लुक में टीना दत्ता का अनोखा अंदाज, रवींद्रनाथ टैगोर की कविता से जोड़ा भाव

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पुणे की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के दो अधिकारियों को 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

अदालत ने तत्कालीन संबंध प्रबंधक (खुदरा कृषि) नितिन निकम और बैंक के तत्कालीन ग्रामीण बिक्री कार्यकारी गणेश धायगुडे को क्रमश: 60,000 रुपये और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 30 जुलाई, 2020 को निकम के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था कि वह एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, पुणे से 99 लाख रुपये की ऋण राशि की मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

बाद में 2.25 लाख रुपये की रिश्वत की बातचीत हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये की राशि शुरू में दी जानी थी। निकम ने अपने कनिष्ठ धायगुडे को रिश्वत लेने के लिए भेजा। सीबीआई ने जाल बिछाया और धायगुडे को शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और अभियुक्तों के परिसरों में तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

जांच के बाद न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विचारण न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

‘मुझे जिंदगी से प्यार है’, बीमारी से जूझ रहीं नफीसा अली का भावुक नोट

September 16, 2025
ताज़ा समाचार

ट्रेडिशनल लुक में टीना दत्ता का अनोखा अंदाज, रवींद्रनाथ टैगोर की कविता से जोड़ा भाव

September 16, 2025
ताज़ा समाचार

हम भारत को दुनिया की फूड बास्केट बनाएंगे : शिवराज सिंह चौहान

September 16, 2025
ताज़ा समाचार

एनआईटी सिलचर छात्रावास हिंसा प्रकरण : पांच बांग्लादेशी छात्र निलंबित, भेजे गए घर

September 16, 2025
ताज़ा समाचार

अमेरिका जापानी वाहन निर्माताओं पर टैरिफ लगाना करेगा शुरू, कोरियाई कारों पर 25 प्रतिशत शुल्क

September 16, 2025
ताज़ा समाचार

बहराइच में एक सप्ताह से जंगली जानवर का आतंक, दहशत में ग्रामीण, तीन महीने की बच्ची की मौत

September 16, 2025
Next Post
दार्जिलिंग की राजनीति: बंगाल सरकार चाय बागान श्रमिकों को जमीन के कागजात देगी

दार्जिलिंग की राजनीति: बंगाल सरकार चाय बागान श्रमिकों को जमीन के कागजात देगी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

101627
Total views : 5981413
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In