चंडीगढ़, 30 जनवरी (आईएएनएस)। सबसे ज्यादा पार्षद होने के बावजूद चंडीगढ़ मेयर पद के लिए इंडिया के कांग्रेस-आप गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा। मंगलवार को नगर निकाय में सत्तारूढ़ भाजपा ने चार वोटों से जीतकर मेयर की सीट बरकरार रखी।
36 में से आठ मत अवैध घोषित किये गये।
भाजपा को 16 वोट मिले, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन को 12 वोट मिले, जबकि उनके पास 20 पार्षद हैं।
बीजेपी के मनोज सोनकर ने आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप ढालोर टीटा को हराया।
नगर निगम के 35 सदस्यीय सदन में, भाजपा के पास 14 पार्षद हैं, इसमें संसद सदस्य और पदेन सदस्य किरण खेर का एक और वोट है। आप के पास 13 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के पास सात हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है।
हंगामा बीजेपी का मेयर चुने जाने के बाद हुआ।
सभी 36 वोट पड़े, इनमें स्थानीय सांसद किरण खेर का वोट भी शामिल था, जिन्होंने सबसे पहले वोट डाला।
पिछले साल जनवरी में 29 वोट पड़े थे, इनमें से बीजेपी के अनूप गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह लाडी को केवल एक वोट से हराकर मेयर का चुनाव जीता था। गुप्ता को 15, जबकि सिंह को 14 सीटें मिलीं। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान में भाग नहीं लिया था।
2022 में भी विभिन्न कारणों से एक वोट अवैध घोषित होने के बाद भाजपा उम्मीदवार सिर्फ एक वोट से जीत गया था ।
–आईएएनएस
सीबीटी/
चंडीगढ़, 30 जनवरी (आईएएनएस)। सबसे ज्यादा पार्षद होने के बावजूद चंडीगढ़ मेयर पद के लिए इंडिया के कांग्रेस-आप गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा। मंगलवार को नगर निकाय में सत्तारूढ़ भाजपा ने चार वोटों से जीतकर मेयर की सीट बरकरार रखी।
36 में से आठ मत अवैध घोषित किये गये।
भाजपा को 16 वोट मिले, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन को 12 वोट मिले, जबकि उनके पास 20 पार्षद हैं।
बीजेपी के मनोज सोनकर ने आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप ढालोर टीटा को हराया।
नगर निगम के 35 सदस्यीय सदन में, भाजपा के पास 14 पार्षद हैं, इसमें संसद सदस्य और पदेन सदस्य किरण खेर का एक और वोट है। आप के पास 13 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के पास सात हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है।
हंगामा बीजेपी का मेयर चुने जाने के बाद हुआ।
सभी 36 वोट पड़े, इनमें स्थानीय सांसद किरण खेर का वोट भी शामिल था, जिन्होंने सबसे पहले वोट डाला।
पिछले साल जनवरी में 29 वोट पड़े थे, इनमें से बीजेपी के अनूप गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह लाडी को केवल एक वोट से हराकर मेयर का चुनाव जीता था। गुप्ता को 15, जबकि सिंह को 14 सीटें मिलीं। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान में भाग नहीं लिया था।
2022 में भी विभिन्न कारणों से एक वोट अवैध घोषित होने के बाद भाजपा उम्मीदवार सिर्फ एक वोट से जीत गया था ।
–आईएएनएस
सीबीटी/