चंडीगढ़, 22 मई (आईएएनएस)। चंडीगढ़ के वन और वन्यजीव विभाग ने सारंगपुर के बॉटनिकल गार्डन में 35 साल तक की उम्र के 74 पौधों की प्रजातियों के संयोजन से बोन्साई उद्यान स्थापित किया है।
बोन्साई बढ़ते पौधों के सुंदर कला रूपों में से एक है, जो आमतौर पर जापान से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसकी उत्पत्ति चीन में हुई है। यह एक बड़े पेड़ का लघुरूप है, जिसे कई तकनीकों के सहारा बनाया गया है।
बोन्साई वृक्ष को निरंतर प्रयास और रखरखाव की आवश्यकता होती है। यह कला रूप जापान में सदियों तक फला-फूला और कायम रहा और उनकी वृद्धि, आदत और विभिन्न प्रकारों के आधार पर वर्गीकृत किया गया।
प्रशासक के सलाहकार धरम पाल ने बोन्साई उद्यान का उद्घाटन किया और वन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उद्यान आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करने में मदद करेगा, जहां वे प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। उन्होंने स्कूली बच्चों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की अपील की।
उन्होंने सभा को लीएफई (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) की शपथ दिलाई।
मुख्य वन संरक्षक देबेंद्र दलाई ने कहा कि वनस्पतियों के संरक्षण के लिए विभाग ने 176 एकड़ में वनस्पति उद्यान स्थापित किया है। यह एक ऐसा स्थान है जहां अनुसंधान, शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए पौधों को उगाया और प्रदर्शित किया जाता है।
–आईएएनएस
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