चंडीगढ़, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि वह अदालत जाएंगे और चंडीगढ़ मेयर चुनाव को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को भारतीय राजनीति के इतिहास में ‘सबसे काले दिन’ के रूप में याद किया जाएगा। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने चुनाव के दौरान लोकतंत्र की हत्या की है।
यहां मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के इतिहास में काले दिन के रूप में याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, यह वही महीना है जब देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, लेकिन भाजपा ने देश के संविधान को कमजोर करने के लिए इसी महीने को चुना।”
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने इंडिया गठबंधन यानी कांग्रेस-आप गठबंधन को एक बड़ा झटका देते हुए, केवल चार वोटों से जीत हासिल कर लगातार नौवीं बार चंडीगढ़ मेयर सीट बरकरार रखी।
सबसे ज्यादा पार्षद होने के बावजूद आप-कांग्रेस गठबंधन यह सीट हार गया।
मान ने कहा कि यह भाजपा की पुरानी आदत है, क्योंकि उसने पहले मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया था।
मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि जब 36 वोटों की गिनती स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हो सकती, तो पूरे देश में मतदान और वोटों की गिनती निष्पक्ष तरीके से कैसे होगी? यह समूचे देश के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि ये नेता अपने निहित स्वार्थों के लिए मतदाताओं से मतपत्र लूटेंगे, इन नेताओं के घरों में पहले ही ईवीएम मशीनें पाई जा चुकी हैं।
मान ने कहा कि लोकतंत्र सही दिशा में नहीं बढ़ रहा है, यह आम आदमी और देश के हित में नहीं है। देश के मतदाताओं को अपने मताधिकार की रक्षा के लिए सचेत हो जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने जानबूझकर इन चुनावों में अपने अल्पसंख्यक विंग के प्रमुख को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया।
उन्होंने कहा कि “रीढ़विहीन पीठासीन अधिकारी” ने भाजपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने आकाओं की सनक और इच्छा के अनुसार काम किया।
मान ने यह भी कहा कि पीठासीन अधिकारी ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए बी.आर. अंबेडकर द्वारा परिकल्पित संवैधानिक प्रक्रिया को खतरे में डाल दिया। आज भारतीय संविधान का अपमान कर पूरे देश की पीठ में छुरा घोंपा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान को धोखा देने वाले पीठासीन अधिकारी के खिलाफ देशद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने जानबूझकर सिर्फ भाजपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए पोलिंग एजेंटों की गैरमौजूदगी में वोटों की गिनती करवा दी।
मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भगवा पार्टी की खातिर एक बार फिर लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता यह नहीं है कि भाजपा ने चंडीगढ़ में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपहरण कर लिया है, बल्कि असली समस्या यह है कि वह आगामी लोकसभा चुनावों में लोगों से उनके लोकतांत्रिक अधिकार भी छीन लेगी।
मान ने कहा कि वह अदालत जाएंगे और उस चुनाव को चुनौती देंगे, जिसमें सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को ताक पर रख दिया गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश में अब लोकतंत्र नहीं बचा, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा, इससे यह संदेह और बढ़ गया है कि देशभर में आगामी चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं होंगे।
मान ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार को पहले से ही पता था कि वह जीतेंगे और इसीलिए वह कुर्सी के पास बैठे थे, जिस पर उन्होंने तुरंत कब्जा कर लिया।
उन्होंने यह भी कहा कि पीठासीन अधिकारी देर से आए, क्योंकि उन्हें इस तरह से कार्य करने का निर्देश दिया गया था।
–आईएएनएस
एसजीके/