अमरावती, 2 फरवरी (आईएएनएस)। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा विपक्षी दलों के नेताओं, वकीलों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के फोन कथित तौर पर टैप किए जाने की जांच के आदेश देने की मांग की है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने फोन टैपिंग की जांच के लिए केंद्र सरकार के एक सक्षम निकाय द्वारा जांच का आदेश देने के लिए प्रधानमंत्री से अपील की।
उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है।
पत्र में कहा गया है, वाईएसआरसीपी के सत्ता में आने के बाद से राज्य में लोकतांत्रिक संस्थानों पर एक व्यवस्थित और ठोस हमला हुआ है। शुरुआत में निवेशकों और पिछली सरकारों की नीतियों पर हमला करके शासन की प्रक्रिया को पूरी तरह से पटरी से उतार दिया गया था। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग और आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) जैसी संस्थाओं पर हमले हुए। सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी विभिन्न धोखेबाज तरीकों से विपक्षी दलों के नेताओं, अधिवक्ताओं, मीडियाकर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमला कर रही है और उन्हें धमका रही है। सत्तापक्ष विरोधियों का मुकाबला करने के लिए अवैध तौर-तरीके अपना रहा है और गैरकानूनी रूप से फोन टैप कर रहा है।
नायडू ने लिखा है, ऐसा प्रतीत होता है कि वाईएसआरसीपी के नेतृत्व वाली सरकार अपने स्वयं के राजनीतिक लाभ के लिए अवैध रूप से फोन टैप कर रही है। इसके अलावा, हमें डर है कि यह अवैध सॉफ्टवेयर के माध्यम से और अवैध रूप से किया जा रहा है। यह सब अधिक खतरनाक है, क्योंकि बाद में यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। बदमाशों के हाथों में ऐसी परिष्कृत तकनीक रहने से न केवल व्यक्तियों की निजता के अधिकार का हनन होगा, बल्कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को ब्लैकमेल कर समझौता के लिए विवश किया जाएगा।
तेदेपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि जाहिर तौर पर वाईएसआरसीपी ने अब लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ न्यायपालिका को भी निशाना बनाया है, क्योंकि उसे न्यायपालिका से बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
नायडू ने आगे लिखा है, ऐसा प्रतीत होता है कि निजी व्यक्ति भी अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग करके अवैध रूप से फोन टैप कर रहे हैं। हमें डर है कि अगर इस तरह की अवैध फोन टैपिंग अनियंत्रित हो जाती है, तो यह राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करेगा। इस तरह के अवैध और गैरकानूनी अभ्यास सरकारों या निजी व्यक्तियों द्वारा, यदि अनर्गल, समय की अवधि में श्रमसाध्य रूप से बनाए गए संस्थानों के विनाश का कारण बनेंगे। लंबे समय में, इस तरह की नापाक गतिविधियों के परिणामस्वरूप लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ह्रास होगा, जिससे जंगल राज कायम हो जाएगा। इस पृष्ठभूमि में हम आपसे अपील करते हैं कि आंध्र प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी और निजी व्यक्तियों द्वारा आगे किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों (फोन टैपिंग) को रोकने के लिए तत्काल और कड़ी कार्रवाई शुरू करें।
वाईएसआरसीपी के दो विधायकों के फोन टैप किए जाने के आरोपों की पृष्ठभूमि में नायडू ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम