deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ब्लॉग

चंद्रयान-4 मिशन को कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसरो ने दी भविष्य की तैयारियों की जानकारी

by
September 18, 2024
in ब्लॉग
0
0
SHARES
8
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

READ ALSO

भारत के आईटी सेक्टर में अप्रैल में 16 प्रतिशत बढ़ी भर्तियां

भारत के रिटेल सेक्टर में 2025 की पहली तिमाही में 169 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्जः रिपोर्ट

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी है ताकि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशन की तैयारी की जा सके। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए एक मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की पुष्टि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों के विकास को भी मंजूरी दी।

बेंगलुरु में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के निदेशक राजा राजन ने भविष्य के मिशनों (गगनयान, चंद्रयान 4) पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम लोग ट्रैक पर हैं और काफी टेस्टिंग की जा रही है। हम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। अब अगला कदम ये है कि चांद से कुछ सैंपल लाए जाएं और उन पर प्रयोग किए जाएं। इससे ये भी साबित होगा कि हम चांद पर जा सकते हैं, अपनी गति कम कर सकते हैं और फिर चांद से वापस भी आ सकते हैं। तो यह कुछ नमूनों से साबित हुआ है कि कैसे आगे बढ़ा जाए और कैसे वापस आया जाए, पूरी तकनीक यही है। हम समय पर काम कर रहे हैं और सभी चीजों को अंतिम रूप देने वाले हैं। हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह एक नया लॉन्च पैड है।”

उल्लेखनीय है कि आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे पहले 20 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि इसरो ने चंद्रमा के अगले दौर के मिशनों – चंद्रयान 4 और 5 – के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।

इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनआईएसएल के सीएमडी राधाकृष्णन ने भी भविष्य की परियोजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा, “हमने 2 साल पहले लॉन्च व्हीकल बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया था। हमने इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से शुरुआत की। हमने 5 रॉकेट बनाने के लिए कंपनियों को चुना। सरकार ने इन कंपनियों को पैसे दिए और वे 5 रॉकेट बनाकर हमें देंगे। हम इन रॉकेट्स का इस्तेमाल सरकारी या प्राइवेट सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इसरो के रॉकेट बनाने का काम भारतीय कंपनियों को दिया जाए। सरकार ने भी हमें स्पेस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए कहा है। अगला कदम एलवीएम3 लॉन्चर है। यह इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट है और हमने इसका इस्तेमाल 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। अगले 10 सालों में दुनिया भर में ऐसे रॉकेट्स की बहुत जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य है कि हम हर साल कम से कम 5-6 ऐसे रॉकेट लॉन्च करें। मांग को पूरा करने के लिए हमें और ज्यादा रॉकेट बनाने होंगे।”

उन्होंने आगे जानकारी दी, “इस विशेष वर्ष के नवंबर के दौरान, हमारे पास पीएसएलवी का एक वाणिज्यिक लॉन्च आ रहा है। यह यूरोप का एक ग्राहक है। और, यह एक यूरोपीय कंपनी के लिए पूरी तरह से समर्पित लॉन्च पीएसएलवी है, और यह नवंबर के महीने के दौरान होगा। अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक के लिए दूसरा लॉन्च अगले साल की पहली तिमाही के दौरान आ रहा है।”

–आईएएनएस

एएस/

Related Posts

ब्लॉग

भारत के आईटी सेक्टर में अप्रैल में 16 प्रतिशत बढ़ी भर्तियां

May 9, 2025
ब्लॉग

भारत के रिटेल सेक्टर में 2025 की पहली तिमाही में 169 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्जः रिपोर्ट

May 9, 2025
ब्लॉग

भारत के रेडियोलॉजी सेक्टर में एआई-लेड इनोवेशन विकास को दे रहा बढ़ावा : रिपोर्ट

May 9, 2025
ब्लॉग

भारत में एसआईपी इनफ्लो अप्रैल में ऑल-टाइम हाई 26,632 करोड़ रुपए पर रहा :एम्फी

May 9, 2025
ब्लॉग

पीएमएसबीवाई के कुल नामांकन में 2016 से 443 प्रतिशत की वृद्धि: केंद्र

May 9, 2025
ब्लॉग

भारतीय उद्योग जगत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों की निर्णायक कार्रवाई को सराहा

May 9, 2025
Next Post

इस त्‍यौहारी सीजन में आकर्षक कीमतों के साथ स्‍मार्टफोन का रोमांचक ऑफर लेकर आ रहा पोको इंड‍िया

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

महाकाल का दर्शन करने टीम संग उज्जैन पहुंचे वरुण-कीर्ति, भस्म आरती में हुए शामिल

December 24, 2024
बिहार के जमुई में 2 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या, आरोपी गिरफ्तार

बिहार के जमुई में 2 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या, आरोपी गिरफ्तार

May 23, 2023
सुकेश चन्द्रशेखर की शिकायत पर दिल्ली एलजी ने सत्येन्द्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच की दी मंजूरी

सुकेश चन्द्रशेखर की शिकायत पर दिल्ली एलजी ने सत्येन्द्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच की दी मंजूरी

March 2, 2024
हुर्रियत के दो संगठनों ने अलगाववाद को त्यागा, पीएम मोदी के नए भारत पर जताया विश्वास : अमित शाह

हुर्रियत के दो संगठनों ने अलगाववाद को त्यागा, पीएम मोदी के नए भारत पर जताया विश्वास : अमित शाह

March 27, 2025
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

080723
Total views : 5868673
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Notifications