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Home ताज़ा समाचार

चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है : एनसीपीसीआर

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August 16, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा एक स्कूली बच्चे की हत्या करने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

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उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

–आईएएनएस

आरके/एसकेपी

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा एक स्कूली बच्चे की हत्या करने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

–आईएएनएस

आरके/एसकेपी

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा एक स्कूली बच्चे की हत्या करने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

–आईएएनएस

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा एक स्कूली बच्चे की हत्या करने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

–आईएएनएस

आरके/एसकेपी

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा एक स्कूली बच्चे की हत्या करने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा एक स्कूली बच्चे की हत्या करने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा एक स्कूली बच्चे की हत्या करने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चरम वामपंथी विचारधारा बच्चों के शोषण का महिमामंडन करती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन नक्सलियों ने स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे की हत्या की है, वह निंदनीय है। आयोग इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। आयोग राज्य सरकार से बाकी स्कूली बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश कर रहा है। इस घटना को लेकर मैं नक्सल विचारधारा वाले उन सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वे कभी भी बच्चों के हितैषी नहीं हो सकते।

उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों द्वारा स्कूली बच्चों की हत्या उन सभी लोगों पर सवालिया निशान लगाती है जो नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। देश में नक्सली हिंसा का एकमात्र समाधान यही है कि इस अति वामपंथी विचारधारा को खत्म किया जाय।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चरम वामपंथी नक्सलियों द्वारा मासूम बालक की हत्या अत्यंत दुखद है। नक्सलियों द्वारा बच्चों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। बच्चों के शोषण को महिमांडित करने वाली घृणित विचारधारा का समाज में कोई स्थान नहीं है। नक्सलियों का खात्मा राष्ट्र की आवश्यकता है। इस इलाके में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एनसीपीसीआर आवश्यक अनुशंसा जारी करेगा।”

बता दें कि सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग हमलों में नक्सलियों ने 16 वर्षीय एक स्कूली छात्र और उसके 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी। यह जगह कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की जन्मस्थली है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमें सूचना मिली है कि पुवर्ती गांव के डब्बापारा के 16 वर्षीय लड़के सोयम शंकर की मंगलवार रात करीब 8-9 बजे नक्सलियों ने उसके घर पर हत्या कर दी।

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