जबलपुर. आखिरकार जिला प्रशासन ने चाइनीज मांझा के विक्रय पर प्रतिबंध लगा ही दिया. देश बन्धु 7 दिसंबर से लगातार समाचार प्रकाशित कर जन सरोकार से जुड़े इस मुद्दे पर प्रशासन का ध्यानाकर्षित करा रहा था और आखिरकार समय रहते प्रशासन ने इस दिशा में सार्थक पहल की हैं.
अपर जिला दंडाधिकारी नाथूराम गौड ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आज एक आदेश जारी कर जिले में चाइनीज मांझा के विक्रय को प्रतिबंधित कर दिया है. प्रतिबंधात्मक आदेश मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर 14 एवं 15 जनवरी को बड़ी संख्या में पतंग उड़ाने तथा इसमें चाइनीज मांझे के इस्तेमाल से पशु-पक्षियों की जान को होने वाले खतरे एवं अन्य दुर्घटनाएं को रोकने के मद्देनजर जारी किया है. अपर जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी यह प्रतिबंधात्माक आदेश तत्काल प्रभाव से पूरे जिले में लागू हो गया है.
आदेश के मुताबिक जबलपुर जिले में कोई भी दुकानदार चाइनीज मांझा का विक्रय नहीं कर सकेगा. आदेश में इसके उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्ति या दुकानदार के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 तथा अन्य सभी प्रावधानों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की चेतावनी दी गई है. इस संबंध में जारी आदेश पत्र मे कहा गया हैं कि दैनिक समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से संज्ञान में आया है कि 14 एवं 15 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में पतंग अत्यधिक उड़ाई जाती है. जिसमें चाइनीज धागा (मांझा) का उपयोग किया जाता है.
जिससे से पशु, पक्षी एवं अन्य दुर्घटनाएं होने का खतरा होता है. चाइनीज धागा (मांझा) जो कि सामान्य उपयोग की वस्तुएं होने से आसानी से बाजार में सर्वसाधारण के लिये उपलब्ध हो जाती है. आदेश में कहा गया हैं कि जिले में कोई भी दुकानदार चाइनीज धागा (मांझा) का विक्रय नहीं करेगा. यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत पक्षीय पारित किया जाता है.
संभावित दुर्घटना के बचाव हेतु एम.पी. ट्रांसको का रोको-टोको अभियान
मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ( एम पी ट्रांसको) की ट्रांसमिशन लाइनों के समीप चायनीज मांझे से पतंग उड़ाने के कारण संभावित दुर्घटना की आशंकाओं पर अंकुश लगाने व नागरिकों को सतर्क व सुरक्षित करने प्रदेश में एम.पी. ट्रांसको ने रोको-टोको अभियान चलाया है. जिसके लिये एम.पी. ट्रांसको ने स्थानीय जिला प्रशासन से चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर रोक तथा ट्रांसमिशन लाइनों के समीप के उन क्षेत्रों को संवेदनशील और खतरनाक घोषित करने के लिये पत्र लिखकर अनुरोध किया है, जहाँ दुर्घटनाओं की आशंका अधिकतम है.
एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता संदीप गायकवाड़ ने बताया कि प्रदेश में बहुतायत पतंग उड़ाये जाने वाले संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों से व्यक्तिगत संपर्क करने के अलावा पोस्टर बैनर एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से उन्हें सचेत एवं सतर्क किये जाने का अभियान भी चलाया जा रहा है.
जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके साथ ही उपभोक्ताओं को विद्युत के अनावश्यक व्यवधान का सामना न करने पड़े. दरअसल गत वर्ष राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार सहित कुछ स्थानों पर ट्रांसमिशन लाइनों में चाइनीज मांझा के साथ पतंग फंसने की घटनाओं के बाद विद्युत व्यवधान हुआ था तथा पतंग उड़ाने वालों को भी नुकसान पहॅुचा था. लेकिन एम.पी. ट्रांसको के संवेदनशील प्रोटेक्शन सिस्टम के 100 प्रतिशत ऑपरेट होने से बड़ी जन धन हानि से बचा जा सका था.
क्यों घातक है चाइनीज मांझा
चायनीज मांझा चीन से आने वाले धातु से लिपटी पतंग की डोरी होती है. इसमें कई तरह के केमिकल और धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जो डोरी को बिजली का अच्छा सुचालक बना देता है, जो संपर्क में आने से पतंग उड़ाने वाले के लिये घातक साबित होता है, साथ ही ट्रांसमिशन लाइन में लिपटने से व्यापक क्षेत्र में विद्युत व्यवधान और जनधन हानि की आशंका रहती है.
जबलपुर के ये है क्षेत्र संवेदनशील
जबलपुर में ऐसे क्षेत्र पोलीपाथर, शास्त्री नगर, करमेता, अधारताल कंचनपुर के क्षेत्र है, जो चाइनीस मांझे के साथ पतंग उड़ाने के प्रति संवेदनशील है.