कोच्चि, 28 मार्च (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट जल्द ही चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामलों में मॉडल की उम्र की प्रासंगिकता से संबंधित महत्वपूर्ण सवालों पर विचार करेगा।
यह सवाल तब सामने आया, जब अदालत एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिस पर पॉक्सो अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी अधिनियम) के तहत दंडनीय अपराध करने का आरोप लगाया गया था। दोनों बाल अश्लीलता प्रसारित करने से संबंधित थे।
त्रिशूर में एक विशेष फास्ट ट्रैक अदालत ने याचिकाकर्ता की उसे आरोप मुक्त करने की याचिका को खारिज कर दिया था और इसके बजाय, उपरोक्त धाराओं के तहत आरोप लगाया था।
केरल हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा उन्हें आरोप मुक्त करने से इनकार करने के खिलाफ याचिका पर विचार करते हुए मुकदमे पर रोक लगा दी थी।
पुनरीक्षण याचिका में उठाए गए मुख्य तर्को में से एक यह था कि याचिकाकर्ता के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कथित रूप से बरामद की गई अश्लील सामग्री में व्यक्तियों की उम्र 18 वर्ष से कम साबित नहीं की जा सकती।
अदालत ने उनकी सहायता के लिए एक एमिकस क्यूरी नियुक्त किया, जिसने अब अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है और अदालत जल्द ही अन्य संबंधित मामलों के साथ उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुनरीक्षण याचिका पर विचार करेगी।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम