चेन्नई, 28 जुलाई (आईएएनएस)। चावल के निर्यात पर केंद्र के प्रतिबंध ने तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के अरानी के चावल किसानों और चावल मिल मालिकों को चिंता में डाल दिया है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में अरणी और कलामपुर चावल उत्पादन और निर्यात के प्रमुख केंद्र हैं। ये स्थान लोकप्रिय चावल की किस्मों के घर माने जाते हैं, जो सिंगापुर, मलेशिया और यहां तक कि दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ सभी दक्षिण भारतीय राज्यों के बाजारों में लोकप्रिय हैं।
अरनी और कलामपुर से उत्पादित चावल की मुख्य किस्में पोन्नी, सोना डीलक्स, एचएमटी, आईआर 50 और पीटीडी हैं और इन किस्मों की उपरोक्त सभी विदेशी बाजारों के साथ-साथ खाड़ी देशों में भी उच्च मांग है।
चावल मिल मालिकों ने आईएएनएस को बताया कि चावल का नियमित निर्यात हो रहा था और प्रतिबंध के चलते मालिकों की चिंता बढ़ गई है कि चावल अब गोदामों में रुक जाएगा। उन्होंने कहा कि अरणी से घरेलू और विदेशी बाजारों में लगातार चावलों का निर्यात हो रहा है और अब यह प्रभावित होगा।
चावल मिल मालिकों ने कहा कि घरेलू और विदेशी बाजारों में आपूर्ति किए जाने वाले चावल की कीमत में कोई अंतर नहीं है और इसलिए मुनाफा भी समान रहेगा। मालिक चिंतित है कि प्रतिबंध उन पर गंभीर प्रभाव डालेगा, इसलिए सरकार को अपना फैसला बदलना चाहिए।
चावल मिल मालिक भंडारण सुविधाओं को लेकर भी चिंतित हैं क्योंकि अगर प्रतिबंध बढ़ाया गया तो चावल अधिशेष में होगा और वर्तमान गोदाम इसे संग्रहीत करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे, जिससे नुकसान होगा।
प्रतिबंध से किसान भी चिंतित हैं और उनका कहना है कि अगर चावल सरप्लस होगा तो मांग कम हो जाएगी और इससे किसानों को नुकसान होगा।
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी