रांची, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड में चिटफंड घोटालों के प्रभावितों की रकम लौटाने की खातिर कमेटी बनाने के हाईकोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान दी गई।
बताया गया कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है, जिस पर अब तक कोई आदेश नहीं आया है। इस पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2024 मुकर्रर की है।
झारखंड हाईकोर्ट ने बीते सितंबर महीने में नॉन बैंकिंग अभिरक्षा निवेशक सुरक्षा समिति सहित कई अन्य लोगों द्वारा चिटफंड कंपनियों में डूबी राशि की वापसी के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि राज्य सरकार 45 दिनों के भीतर हाई लेवल कमेटी बनाने का नोटिफिकेशन जारी करे।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह हाई लेवल कमेटी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में बनेगी। सेक्रेटरी बोर्ड आफ ऑफ रेवेन्यू एवं सीबीआई के डीआईजी रैंक या उससे ऊपर के पदाधिकारी रहेंगे। यह हाई लेवल कमेटी चिटफंड कंपनियों द्वारा छोटे निवेशकों के गबन किये गये पैसे को वापस दिलाने का प्रयास करेगी।
इस मामले में पूर्व की सुनवाई में प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि चिटफंड घोटाला में शामिल कई कंपनियों के संचालकों की संपत्ति ईडी और सीबीआई ने जब्त किए हैं। जब्त की गई राशि बैंकों में रखी गई है। कई राज्यों में एक कमेटी बना कर चिटफंड के शिकार लोगों के केस को डिस्पोजल किया जा रहा है और उन्हें उनके डूबे पैसे वापस दिलाये जा रहे हैं। झारखंड में भी कमेटी बनाकर निवेशकों के डूबे पैसे वापस दिलाए जाएं।
कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि चिटफंड कंपनियों ने अधिक ब्याज का लालच देकर बड़ी संख्या में लोगों की रकम का गबन कर लिया है। इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है, लेकिन निवेशकों के डूबे पैसे वापस दिलवाने की पहल की जाये।
–आईएएनएस
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