नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा में शुक्रवार को एलएसी पर चीनी अतिक्रमण पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सुचारू रूप से चलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस को आम आदमी के मुद्दे की परवाह नहीं है।
विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
हालांकि, सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत आठ नोटिस मिले थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया।
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा में शुक्रवार को एलएसी पर चीनी अतिक्रमण पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सुचारू रूप से चलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस को आम आदमी के मुद्दे की परवाह नहीं है।
विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
हालांकि, सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत आठ नोटिस मिले थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सुचारू रूप से चलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस को आम आदमी के मुद्दे की परवाह नहीं है।
विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
हालांकि, सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत आठ नोटिस मिले थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा में शुक्रवार को एलएसी पर चीनी अतिक्रमण पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सुचारू रूप से चलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस को आम आदमी के मुद्दे की परवाह नहीं है।
विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
हालांकि, सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत आठ नोटिस मिले थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
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विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सुचारू रूप से चलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस को आम आदमी के मुद्दे की परवाह नहीं है।
विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
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उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
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विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
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विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
हालांकि, सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत आठ नोटिस मिले थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
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उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
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विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
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विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सुचारू रूप से चलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस को आम आदमी के मुद्दे की परवाह नहीं है।
विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
हालांकि, सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत आठ नोटिस मिले थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभापति को इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अनुमति देनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी सदस्य चर्चा चाहते हैं।
इस अनुरोध को उपसभापति हरिवंश ने अनदेखा कर दिया, और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को सभापति पर टिप्पणी करने से परहेज करने की चेतावनी दी।
विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सुचारू रूप से चलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस को आम आदमी के मुद्दे की परवाह नहीं है।
विपक्ष के बीच समन्वय की कमी देखी गई। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए नजर आए और ऐसा ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महुआ मांझी ने भी किया।
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