बीजिंग, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। चीनी परंपरागत पंचांग के बारहवें महीने का आठवां दिन ला पा त्योहार होगा। इस साल वह 30 दिसंबर को होने वाला है। अधिकांश चीनी लोगों की नजर में ला पा त्योहार के आगमन का मतलब है कि सबसे महत्वपूर्ण त्योहार वसंत त्योहार यानी चीनी परंपरागत नया साल करीब आ रहा है। ला पा वसंत त्योहार मनाने की शुरुआत होता है।
ला पा त्योहार का स्रोत बौद्ध धर्म से घनिष्ठ रूप से जुड़ा है। चीन में कहा जाता है कि बुद्ध बनने से पहले शाक्यमुनि ने लंबे समय तक तपस्या की, जिससे वे बहुत कमजोर हो गए। एक लड़की ने उन्हें थोड़ा दूध दिया। दूध पीने के बाद शाक्यमुनि की शारीरिक शक्ति बहाल हुई और अंत में आठ दिसंबर को उन्हें संबोधि प्राप्त हुई। इस घटना की स्मृति में बौद्ध धर्म के चीनी अनुयायी उस दिन चावल व मेवे को मिलाकर एक विशेष दलिया पकाते हैं और प्रसाद भी करते हैं। उन्हें विश्वास है कि लापा त्योहार में दलिया खाने यानी प्रसाद करने से बुद्ध का आशीर्वाद व रक्षा मिलती है। ला पा धीरे-धीरे आम चीनियों के बीच एक बहुत लोकप्रिय त्योहार भी बन गया और इस त्योहार में सब से अहम रिवाज दलिया खाना है।
ला पा दलिया खाने का इतिहास चीन में एक हजार से ज्यादा वर्षो से लंबा है। ला पा में दलिये की विविध किस्में बनती हैं। चूंकि चीनी भाषा में पा यानी आठ का अर्थ सौभाग्य की बात है, इसलिए ला पा दलिये में आम तौर पर आठ चीजें होती हैं। ला पा दलिये में मुख्य चीज चावल है। चावल के अलावा, इस में लाल या हरे रंग की दाल, जुजुब, मूंगफली किशमिश, चीनी आदि डाली जाती है। आप कल्पना कीजिए कि सर्दी के मौसम में परिवार के लोग एक साथ मेज के इर्द-गिर्द घेरा डालकर बैठे हों और स्वादिष्ट ला पा दलिया खा रहे हों तो कितना अच्छा लगेगा।
ला पा में चीनी लोग ला पा सिरका भी बनाते हैं। इसे बनाने की विधि यह है कि सिरका के बोतल में लहसुन डाले जाते हैं और उसे सील किया जाता है। जब वसंत त्योहार आता है, तो लोग ला पा सिरका के साथ च्याओज (भारत में मोमो कहा जाता है) खाते हैं। ला पा सिरका च्याओज के स्वाद में चार चांद लगाता है।
इसके अलावा चीन के कुछ क्षेत्रों में ला पा नूडल और ला पा तोफू भी बनाए जाते हैं।
(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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