बीजिंग, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका के निमंत्रण पर 26 से 28 अक्टूबर तक चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की। वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ दो दौर की वार्ता की और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा सहायक सुलिवन से भी मुलाकात की।
इस साल जून में कई उच्च-स्तरीय अमेरिकी अधिकारियों के चीन दौरे के बाद यह किसी उच्च-स्तरीय चीनी अधिकारी की अमेरिका की पहली यात्रा है। “दोनों पक्ष सैन फ्रांसिस्को में दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक कराने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।” इस खबर ने लोगों का व्यापक ध्यान आकर्षित किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह निस्संदेह एक स्पष्ट संकेत है, जो लोगों को भविष्य में चीन-अमेरिका संबंधों के विकास के प्रति सावधानीपूर्वक आशावादी बने रहने का कारण देता है। इस यात्रा के दौरान चीन का रुख स्पष्ट रहा और चीन ने चीन-अमेरिका संबंधों के विकास के लिए “पांच जरूरी बातों” को बहुत स्पष्ट रूप से सामने रखा।
यानी दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बनी सहमति का पालन किया जाना चाहिए, चीन-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर किया जाना चाहिए, संचार माध्यम को खुला रखा जाना चाहिए, मतभेदों, संघर्षों और मनमुटावों का प्रबंधन किया जाना चाहिए, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही, चीन ने चीन-अमेरिका संबंधों को प्रभावी ढंग से स्वस्थ रास्ते पर वापस लौटने के लिए स्पष्ट समझ और योजना भी बनायी।
अमेरिका ने भी इस संबंध में अपेक्षाकृत सकारात्मक बयान दिया, जिसमें जोर दिया गया कि अमेरिका को उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर और टिकाऊ होंगे। साल 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दबाव का सामना करते हुए, वर्तमान अमेरिकी सरकार को एक अच्छे चीन-अमेरिका संबंध का निर्माण करने की जरूरत है।
चीन और अमेरिका दोनों के स्वस्थ विकास को लाभ पहुंचाना राजनयिक क्षेत्र में राष्ट्रपति बाइडेन का सबसे संभावित प्लस पॉइंट बन गया है। इस बार की चीन-अमेरिका उच्च स्तरीय भेंटवार्ता में अमेरिका ने सकारात्मक और व्यावहारिक मोड़ दिखाया है, जो अपेक्षित भी है। वर्तमान में, चीन-अमेरिका आर्थिक कार्य समूह और वित्तीय कार्य समूह के क्रमिक संचालन से लेकर स्थानीय आदान-प्रदान, जलवायु परिवर्तन और अन्य क्षेत्रों में सहयोग की बहाली तक, चीन और अमेरिका के बीच सभी स्तरों पर आदान-प्रदान अधिकाधिक होता जा रहा है।
दोनों पक्ष निकट भविष्य में चीन-अमेरिका समुद्री मामलों के परामर्श, चीन-अमेरिका सैन्य नियंत्रण और अप्रसार परामर्श और चीन-अमेरिका विदेश नीति परामर्श आयोजित करने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष सीधी यात्री उड़ानों को और बढ़ाने पर भी सहमत हुए। इससे पता चलता है कि जब तक अमेरिका व्यावहारिक रवैया अपनाता है, चीन और अमेरिका के बीच संचार और आदान-प्रदान फल दे सकता है।
दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध के रूप में, चीन-अमेरिका संबंध मानव जाति के भविष्य में अहम भूमिका अदा करता है। थाईवान मुद्दा चीन के मूल हितों का मूल और चीन-अमेरिका संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। पिछले कुछ समय से अमेरिका चीन के साथ सहयोग करने की खोज करते समय चीन को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाता है।
अगस्त के अंत में, अमेरिका ने पहली बार तथाकथित “विदेशी सैन्य वित्तपोषण योजना” के माध्यम से थाईवान को सैन्य सहायता के प्रावधान को मंजूरी दी। अमेरिका की इस यात्रा के दौरान, चीन ने इस बात पर जोर दिया कि थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा “थाईवान की स्वतंत्रता” है, और चीन-अमेरिका संबंधों के सामने सबसे बड़ी चुनौती “थाईवान की स्वतंत्रता” भी है। यह चीन ने अपने सबसे बुनियादी हितों के मुद्दे पर खींची गयी लाल रेखा है। चीन और अमेरिका के बीच इस उच्च स्तरीय बैठक के परिणामस्वरूप, लोग चीन-अमेरिका संबंधों के विकास के प्रति सावधानीपूर्वक आशावादी हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस