बीजिंग, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी मिशन के प्रभारी ताई पिंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में वीटो शक्ति के इस्तेमाल पर एक बैठक में कहा कि 22 मार्च को चीन ने अल्जीरिया और रूस के साथ मिलकर सुरक्षा परिषद में अमेरिका द्वारा गाजा पट्टी की स्थिति पर प्रस्तावित मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ वीटो शक्ति का प्रयोग किया।
चीन का यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय न्याय, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्य और गरिमा, और सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी और अधिकार की रक्षा पर आधारित है। चीन ने इस मसौदे पर अरब देशों की गंभीर चिंताओं और कड़े असंतोष को भी पूरी तरह से ध्यान में रखा है।
ताई पिंग के अनुसार, गाजा पट्टी में संघर्ष शुरू होने के बाद से, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने युद्धविराम और युद्ध की समाप्ति के लिए जोरदार आह्वान किया है और सुरक्षा परिषद द्वारा ठोस कार्रवाई का उत्सुकता से इंतजार कर रहा है।
लेकिन, संबंधित पक्षों पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाले देश के रूप में, अमेरिका ने बार-बार सुरक्षा परिषद को युद्धविराम पर बोलने से रोका है, और तत्काल युद्धविराम को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रयासों को चार बार वीटो किया है।
हालांकि, बाद में अमेरिका ने एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया, लेकिन युद्धविराम के मुख्य मुद्दे पर अमेरिका पूर्व शर्तें निर्धारित करने का प्रयास करता है। यदि प्रस्ताव पारित हुआ, तो इसका मतलब है कि गाजा पट्टी में हत्याएं जारी रहेंगी और अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करने वाली हिंसक गतिविधियां जारी रहेंगी। चीन ने ऐसे मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ अपनी वीटो शक्ति का प्रयोग करने में संकोच नहीं किया, जिसके गंभीर परिणाम होंगे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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