डीपसीक, एक चीनी कंपनी, का फ्री ओपन-सोर्स मॉडल है। कंपनी का दावा है कि यह कम डेटा लागत पर काम करती है। पश्चिमी चैटबॉट्स की तुलना में कम कीमत पर समान प्रदर्शन का मॉडल पेश किया है। एआई तेजी से चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे एआई मॉडलों को चुनौती दे रहा है।
डीपसीक के संस्थापक क्वांट फंड प्रमुख लियांग वेनफेंग हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते ही अपना नवीनतम AI मॉडल जारी किया है। यह अब OpenAI और Meta Platforms Inc. जैसी बड़ी कंपनियों को टक्कर देता दिख रहा है। इसका ओपन-सोर्स प्रोडक्ट ऐपल इंक. के ऐप स्टोर रैंकिंग में टॉप पर है। डीपसीक का दावा है कि ओपनएआई और गूगल जैसी टॉप कंपनियों की तुलना में उनका चैटबॉट बेहतर है और लागत-प्रभावी भी है। उन्होंने एनवीडिया एच800 चिप्स का उपयोग करके इस मॉडल को विकसित करने में केवल $6 मिलियन का निवेश किया है।
अन्य देशों के एआई मॉडल पहले से ही वैश्विक ध्यान अपनी तरफ खींचा हैं, इसके बावजूद डीपसीक का प्रभाव अमेरिका में सबसे अधिक रहा है। डीपसीक के एआई की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। सोमवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टिप्पणी की कि चीन का किफायती एआई मॉडल अमेरिकी कंपनियों के लिए एक चेतावनी है। इसके बाद अमेरिकी शेयर बाजार में एनवीडिया कॉर्प (Nvidia Corp) के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे नास्डैक पर कंपनी के शेयर की कीमत $126.75 थी। यह 11.13% यानी $15.87 की गिरावट है। इस दौरान तकनीकी कंपनियों वाला नास्डैक कम्पोजिट इंडेक्स भी 0.50% यानी 99.38 अंक टूटकर 19,954.30 पर पहुंच गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, डीपसीक ने सीमित संसाधनों के साथ अधिक दक्षता पर फोकस करके इस प्रतिबंध के आसपास काम किया। यह सब उस समय हो रहा है जब OpenAI, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और ओरेकल कॉर्प ने अमेरिका में डेटा सेंटर और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाने के लिए स्टारगेट नाम के एक $100 अरब के संयुक्त उद्यम की घोषणा की है। इस संयुक्त उद्यम को स्टारगेट कहा जाता है। इसका उद्देश्य अमेरिका में डेटा सेंटर और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाना है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी दुनिया का सबसे बड़ा AI संचालित डेटा सेंटर जामनगर में बनाने की योजना बना रहे हैं।
DeepSeek के उदय ने AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में AI तकनीक का विकास कैसे होता है। साथ ही यह विभिन्न कंपनियों के व्यवसाय को कैसे प्रभावित करता है। Nvidia जैसे बड़ी कंपनियों के लिए यह एक चुनौती है कि वह कैसे नए और सस्ते AI मॉडल्स से प्रतिस्पर्धा करेंगी।
फोटो साभार – techjuice