बीजिंग, 29 जुलाई (आईएएनएस)। छिंगहाई-तिब्बत पठार को दुनिया की छत, एशिया की जल मीनार और पृथ्वी का तीसरा ध्रुव माना जाता है। इस वर्ष जुलाई महीने में दूसरे छिंगहाई-तिब्बत वैज्ञानिक अभियान में भाग लेने वाले कई चीनी विज्ञान अकादमी के विशेषज्ञ अभियान दल वैज्ञानिक जांच में जुटे हैं।
तिब्बत की दूसरी सबसे बड़ी झील नामत्सो में, झील की सतह पर वर्षा अवलोकन की समस्या को हल करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया पहला मौसम रडार छिंगहाई-तिब्बत पठार के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में इस्तेमाल में लाया गया था।
राष्ट्रीय स्टेशन नामत्सो बहु-क्षेत्र व्यापक अवलोकन और अनुसंधान स्टेशन में चीनी विज्ञान अकादमी के छिंगहाई-तिब्बत पठार अनुसंधान प्रतिष्ठान और एयरोस्पेस सूचना नवाचार अनुसंधान संस्थान से बनी एक शोध टीम ने नामत्सो को बेसिन में बहु-स्तरीय वर्षा अवलोकन मंच पर उपकरण रखरखाव और डेटा संग्रह किया।
चीनी विज्ञान अकादमी के छिंगहाई-तिब्बत पठार अनुसंधान प्रतिष्ठान की शोधकर्ता छन इंगइंग के अनुसार इस रडार के माध्यम से, हम संपूर्ण जलक्षेत्र के लिए स्थानिक रूप से प्रतिनिधि और सटीक वर्षा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसे केंद्र मानकर 75 किलोमीटर के दायरे (त्रिज्या) के भीतर वर्षा का बारीक डेटा देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि नामत्सो छिंगहाई-तिब्बत पठार पर स्थित तीसरी बड़ी झील है, जो तिब्बत में दूसरी बड़ी झील है। पूरे बेसिन की वर्षा का अध्ययन “एशियाई जल टॉवर” में कितना पानी मौजूद है आदि दूसरे छिंगहाई-तिब्बत वैज्ञानिक अभियान मिशन के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस