नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। इस साल देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी बीच प्रवासियों को वोट देने के अधिकार के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने गुरुवार को एक बैठक की। ईसीआई ने सोमवार को राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है।
कांग्रेस नेताओं दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और अन्य ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया, जिस पर कांग्रेस ने गंभीर आपत्ति जताई है। बैठक के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, चुनाव आयोग को तीन करोड़ प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा कहां से मिला है।
भारत के चुनाव आयोग ने दिसंबर में कहा था कि वह घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग के लिए तैयार है और प्रवासी मतदाताओं को वोट देने के लिए अपने गृह राज्यों की यात्रा करने की जरूरत नहीं है।
ईसीआई ने एक प्रोटोटाइप मल्टी-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन विकसित की है और प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है। प्रोटोटाइप आरवीएम एक रिमोट पोलिंग बूथ से कई निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है।
चुनाव आयोग ने कहा था, आम चुनाव 2019 में मतदान का प्रतिशत 67.4 प्रतिशत था और भारत का चुनाव आयोग 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करने और विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग मतदान प्रतिशत के मुद्दे को लेकर चिंतित है।
ईसीआई ने कहा कि मतदाता के नए निवास स्थान में पंजीकरण नहीं कराने के कई कारण हैं, इस प्रकार मतदान के अधिकार का प्रयोग करने से चूक जाते हैं।
–आईएएनएस
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