नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)। उद्धव ठाकरे गुट ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ईसीआई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर की।
सिंघवी ने मंगलवार को संविधान पीठ के समक्ष चल रहे मामलों सहित इसे सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने सिंघवी के उल्लेख की अनुमति नहीं दी, क्योंकि मामला उल्लेख सूची में शामिल नहीं था। प्रधान न्यायाधीश ने सिंघवी से मंगलवार को मामले का उल्लेख करने को कहा।
पिछले हफ्ते, चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और धनुष और तीर का चुनाव चिह्न् आवंटित किया था।
महाराष्ट्र के सीएम और प्रतिद्वंद्वी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें अदालत को सूचित किया गया था कि ठाकरे गुट ईसीआई के फैसले को चुनौती दे सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ फिलहाल शिवसेना में दरार से जुड़े मुद्दों पर विचार कर रही है।
17 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2016 के नबाम रेबिया फैसले पर पुनर्विचार के लिए सात जजों की बेंच को तत्काल संदर्भित करने से इनकार कर दिया, जिसने स्पीकर को विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं की जांच करने की शक्ति को प्रतिबंधित कर दिया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि संदर्भ का मुद्दा 21 फरवरी को योग्यता के आधार पर सुनवाई के लिए मामला तय किया जाएगा।
पीठ ने कहा कि नबाम रेबिया के 2016 के फैसले को एक बड़ी पीठ को सौंपे जाने के सवाल को भावात्मक तरीके से तय नहीं किया जा सकता है, मामले के तथ्यों को अलग तरीके से तय किया जा सकता है।
–आईएएनएस
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