नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। गुरुवार को घोषित किए गए चुनाव परिणामों में कांग्रेस के लिए एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश यह है कि गठबंधन इसके लिए काम कर रहे हैं, लेकिन भाजपा के खिलाफ अकेले लड़ाई में पार्टी को हार का सामना करना पड़ रहा है।
डीएम के द्वारा समर्थित इरोड उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से सीट छीन ली। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने मुर्शिदाबाद जिले की सागरदिघी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की, जिसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस के बायरन बिस्वास ने तृणमूल के देवाशीष बंदोपाध्याय को 22,980 मतों के अंतर से हराया है।
कांग्रेस के बायरन बिस्वास ने तृणमूल के देबाशीष बंदोपाध्याय को 22,980 मतों के अंतर से हराया। भाजपा के दिलीप साहा तीसरे स्थान पर रहे। उपचुनाव में कांग्रेस की जीत कई मायने में महत्वपूर्ण है। ठीक 22 महीने पहले 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के सुब्रत साहा ने बीजेपी की मफूजा खातून को 50,216 वोटों के भारी अंतर से हराया था।
लेकिन विधानसभा चुनाव में यह बात लागू नहीं हुई, यह त्रिपुरा में वाम दलों के साथ गठबंधन में लड़ा गया जहां गठबंधन भाजपा के बाद दूसरे स्थान पर होगा। यहां विपक्ष के वोट विभाजित हो गए और त्रिपुरा मोथा पार्टी को 13 सीटों पर जीत मिली।
नागालैंड में एनडीपीपी और भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है और भाजपा गठबंधन से लड़ने वाली कांग्रेस का सफाया हो गया है। मेघालय में भी टीएमसी और कांग्रेस ने एक-दूसरे के वोट काटे और एनपीपी के बाद भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी।
कांग्रेस स्पष्ट रूप से गठबंधनों के महत्व को समझ चुकी है, इसलिए उसने अपने रायपुर घोषणापत्र में समान विचारधारा वाले दलों को अपने साथ गठबंधन करने का जिक्र किया है।
–आईएएनएस
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