चेन्नई, 2 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के कारण देशभर के लोगों को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हो पा रही हैं। इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 7 मार्च को ‘जन औषधि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस बीच, चेन्नई में जन औषधि द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।
इस चिकित्सा शिविर में उपस्थित लोगों को निःशुल्क चिकित्सा जांच और दवाइयां प्रदान की गईं, जिसका उद्देश्य समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्गों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।
जन औषधि स्टोर की प्रभारी डॉ. अनीता रमेश ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि योजना शुरू की है और यह एक बड़ी सफलता बन गई है।
उन्होंने कहा, “पूरे देश में कई जन औषधि केंद्र के कई आउटलेट और दुकानें हैं, जहां दवाइयां 50 से 70 फीसदी तक कम दामों पर मिलती हैं। इसका उद्देश्य है कि दवा को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाए। यह सभी जेनेरिक दवाइयां हैं और इसके साथ कोई व्यावसायिक नाम नहीं जुड़ा हुआ है। भारत में अभी 1,400 दवा केंद्र हैं, जहां कैंसर की दवाएं भी उपलब्ध हैं और वह भी कम दामों पर मिल रही हैं।”
डॉ. अनीता रमेश ने कहा, “एक बार जब आप दवा लेना शुरू करते हैं, तो आपको दवा की गुणवत्ता का पता चलता है और इसलिए हम इसे पूरे भारत में बढ़ावा देना चाहते हैं, ताकि बहुत से लोग दवा खरीदें। हम आपको और अपने बाकी दोस्तों को भी इसे खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम डॉक्टरों से जेनेरिक नाम लिखने का भी अनुरोध करते हैं। हम सभी चिकित्सा पेशेवरों से अनुरोध करते हैं कि वे समाज के उस वर्ग के लिए इस जेनेरिक दवा का समर्थन करें, जो दवा खरीदने में सक्षम नहीं है।”
उन्होंने सरकार का भी आभार जताया। उन्होंने कहा, “मैं इस तरह की पहल के लिए सरकार को धन्यवाद देती हूं। हमारे पास चेन्नई में चार आउटलेट हैं और भगवान की कृपा से यहां आने वाले सभी लोग काफी खुश हैं। यह एक तरह की सेवा है और हम खुश हैं कि आम जनता को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मिल पा रही हैं।”
–आईएएनएस
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