नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 2022-23 में 37 कंपनियां आईपीओ लेकर आईं जिनसे उन्होंने 52,116 करोड़ रुपए उठाए जो इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 53 आईपीओ से उठाए गए 1.11 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड कमाई की तुलना में आधा है। प्राथमिक पूंजी बाजार पर देश के अग्रणी डाटाबेस प्राइम डाटाबेस ने यह जानकारी दी है।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के अनुसार, 37 आईपीओ में से 25 वित्त वर्ष के तीन महीनों (मई, नवंबर और दिसंबर) में आए। इससे पूरे साल के दौरान जारी उथल-पुथल का पता चलता है जो आईपीओ गतिविधियों के लिए सही नहीं है।
दरअसल, वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में आईपीओ से उठाई गई राशि नौ साल के निचले स्तर पर रही।
वित्त वर्ष 2022-23 में सबसे बड़ा आईपीओ भारतीय जीवन बीमा निगम लेकर आई जो देश के इतिहास का भी सबसे बड़ा आईपीओ था। इसके बाद डेलहीवरी (5,235 करोड़ रुपए) और ग्लोबल हेल्थ (2,206 करोड़ रुपए) का आईपीओ आया। आईपीओ की औसत डील साइज 1,409 करोड़ रुपए रही।
इस दौरान 37 में से मात्र दो आईपीओ (डेलहीवरी और ट्रैक्शन) न्यू एज टेक्न ोलॉजी कंपनी (एनएटीसी) के थे जबकि 2021-22 में एनएटीसी क्षेत्र की पांच कंपनियों के आईपीओ ने 41,733 करोड़ रुपए उठाए। इससे इस क्षेत्र में सुस्ती का पता चलता है।
आईपीओ को लेकर लोगों का रिस्पॉन्स मध्यम रहा। जिन 36 आईपीओ के डाटा फिलहाल उपलब्ध हैं उनमें से 11 को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला और वे 10 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुए। इनमें दो आईपीओ के लिए 50 गुणा से भी अधिक सब्सक्रिप्शन मिले। वहीं, सात आईपीओ तीन गुना से अधिक सब्सक्राइब हुए। शेष 18 आईपीओ के लिए एक से तीन गुना तक सब्सक्रिप्शन मिले।
प्राइम डाटाबेस के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में खुदरा निवेशकों का रिस्पॉन्स भी सुस्त देखा गया। आवेदनों की औसत संख्या घटकर 5.64 लाख रह गई जो वर्ष 2021-22 में 13.32 लाख और 2020-21 में 12.73 लाख रही थी। एलआईसी के लिए खुदरा निवेशकों के सबसे अधिक (32.76 लाख) आवेदन आए। इसके बाद क्रमश: हर्षा इंजीनियर्स (23.86 लाख) और कैम्पस एक्टिववीयर (17.27 लाख) का स्थान रहा।
खुदरा निवेशकों द्वारा 41,671 करोड़ रुपए के शेयरों के लिए आवेदन किए गए जो उपलब्ध आईपीओ मूल्य से 20 प्रतिशत कम है जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा उपलब्ध आईपीओ मूल्य से 17 प्रतिशत ज्यादा था। इससे खुदरा निवेशकों के उत्साह में कमी का पता चलता है।
हल्दिया के अनुसार, शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के तुरंत बाद कंपनियों के सुस्त प्रदर्शन से भी आईपीओ के प्रति रिस्पॉन्स प्रभावित हुआ। सूचीबद्ध होने के दिन शेयरों के बंद भाव के आधार पर उस दिन की औसत कमाई महज 9.74 प्रतिशत रही जबकि 2021-22 में यह 32.59 प्रतिशत और 2020-21 में 35.68 फीसदी रही थी।
जिन 36 कंपनियों के आईपीओ अब तक सूचीबद्ध हुए हैं उनमें 16 ने 10 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। डीसीएक्स सिस्टम्स ने 49 प्रतिशत का जबरदस्त रिटर्न दिया है। इसके बाद क्रमश: हर्षा इंजीनियर्स (47 प्रतिशत) और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट (43 प्रतिशत) का स्थान रहा। इन 36 में से 21 कंपनियों के शेयर 24 मार्च 2023 को निर्गम मूल्य ऊपर बंद हुए।
–आईएएनएस
एसकेपी