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Home ताज़ा समाचार

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में पीएम उज्जवला और आवास योजना से आसान होती लोगों की जिंदगी

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November 6, 2024
in ताज़ा समाचार
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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

—आईएएनएस

पीएसएम/जीकेटी

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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

—आईएएनएस

पीएसएम/जीकेटी

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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

—आईएएनएस

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

—आईएएनएस

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

—आईएएनएस

पीएसएम/जीकेटी

कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

—आईएएनएस

पीएसएम/जीकेटी

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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

—आईएएनएस

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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा,6 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था। इस योजना से आम गरीब लोगों, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाना है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है। साथ ही भारत सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम आवास योजना’ के तहत आम लोगों को उनके सपनों की छत मिली है। कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को इस योजना से पक्की छत मिली है। इससे भी आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

जिले की रहने वाली एक अन्य महिला बीज पटेल कहती हैं, “हमें प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ मिला है। अब हम उसी मकान में रहते हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे। इस आवास को पाकर हमारी समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं।”

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कवर्धा के गोढ़वा गोड़ान की निवासी नीलू बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। हमें अब गैस पर खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले हमें चूल्हा फूंकना पड़ता था। लेकिन, अब हमें गैस सिलेंडर मिल गया है तो बहुत अच्छा लगता है। पहले लकड़ी जलाने में आंखों में जलन होती थी। कीड़े-मकोड़ों का डर रहता था। पहले हमें बहुत तकलीफ थी। हम प्रधानमंत्री का इसके लिए धन्यवाद करते हैं।”

कौशल्या देवी कहती हैं, “हमें कई सालों से पीएम उज्जवला योजना का लाभ मिल रहा है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। पहले चूल्हे पर बनाना पड़ता था। इससे हमें बहुत राहत मिली है। इसके लिए हम पीएम मोदी को बधाई देना चाहते हैं।”

गोढ़वा गोड़ान की रहने वाली एक अन्य महिला बताती हैं, “हमें उज्जवला योजना का लाभ मिलता है। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं। इस योजना के तहत हमें लाभ मिले दो साल का समय हो गया है। अब हम गैस पर ही खाना बनाते हैं। अब हमें कोई परेशानी नहीं है। गैस चूल्हा और सिलेंडर मिलने की वजह से हमें बहुत आराम हो गया है। हमें अब चूल्हा नहीं फूंकना पड़ता है। न ही अब हमें लकड़ी लेने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। हमें इससे बहुत आराम हुआ है।”

पीएम आवास योजना के तहत आवास पाने वाली रामपुर पनरिया की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “मुझे मेरा आवास 2018 में सरकार की तरफ से मिला था। जबसे मेरे आवास का निर्माण हो गया है, हम लोगों ने झुग्गी छोड़ दी है, और इसी आवास में रहने लगे हैं। पहले हम झुग्गी में गुजारा करने को मजबूर थे। अब पक्के घर में रहने की वजह से हमें बड़ी ही सहूलियत हुई है। मोदी सरकार का हम हाथ जोड़ कर कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।”

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