नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के किरंदुल परिसर स्थित बैलाडीला लौह अयस्क खदान (बीआईओएम) के पास माओवादियों द्वारा लगाए गए तीन किलोग्राम के एक आईईडी को निष्क्रिय कर दिया।
सीआईएसएफ के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) उप महानिरीक्षक श्रीकांत किशोर ने बताया कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (एनएमडीसी) के विस्फोटक ले जाने वाले वैन को जिस मार्ग से गुजरना था उस रास्ते पर मुख्य सड़क के पास आईईडी लगाया गया था।
पीआरओ ने कहा, “वैन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, लोहागांव जंक्शन को सैनिटाइज करने और सुरक्षित करने के लिए एक सीआईएसएफ की टीम को तैनात किया गया था।”
उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान सीआईएसएफ टीम ने तीन किलोग्राम वजन वाले आईईडी का पता लगाया जो दबाव पड़ने पर सक्रिय हो जाता।
पीआरओ ने कहा, “आईईडी को मुख्य सड़क के पास छुपाया गया था, जिसका इस्तेमाल एनएमडीसी के विस्फोटक ले जाने वाले वैन और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) अक्सर करते हैं।”
सीआईएसएफ कर्मियों ने क्षेत्र की घेराबंदी कर ली। हालांकि उन्हें आईईडी के आसपास किसी भी संदिग्ध माओवादी तत्व की मौजूदगी नहीं मिली है।
अधिकारी ने बताया, “राज्य पुलिस के बीडीडीएस और सीआईएसएफ ने इलाके का निरीक्षण किया और सैनिटाइजेशन अभियान चलाया। बीडीडीएस टीम ने मौके पर ही आईईडी को निष्क्रिय कर दिया।”
उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ कर्मियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से जानें बच गईं और संभावित क्षति टल गई।
पीआरओ ने कहा, “माओवादी तत्वों द्वारा जानमाल को नुकसान पहुंचाने, विस्फोटकों की लूट करने तथा अन्य क्षति पहुंचाने की नापाक योजना को सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा प्रदर्शित व्यावसायिकता, सतर्कता तथा साहस के कारण विफल कर दिया गया।”
उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने मिशन के प्रति समर्पित है तथा खतरों को बेअसर करने और शांति बनाए रखने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेगा।
–आईएएनएस
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