deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

छात्रों व शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य एनसीईआरटी की पहल

by
December 7, 2022
in ताज़ा समाचार
0
छात्रों व शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य एनसीईआरटी की पहल
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

READ ALSO

मचैल माता तीर्थयात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर किश्तवाड़ में बादल फटने से मरने वालों की संख्या 23 हुई, कई घायल

आंखों की रोशनी से लेकर पाचन तक, हर बीमारी में राहत दिलाए लाल मिर्च

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

Related Posts

मचैल माता तीर्थयात्रा के दौरान किश्तवाड़ में बादल फटने से मरने वालों की संख्या 23 हुई, कई घायल
ताज़ा समाचार

मचैल माता तीर्थयात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर किश्तवाड़ में बादल फटने से मरने वालों की संख्या 23 हुई, कई घायल

August 14, 2025
ताज़ा समाचार

आंखों की रोशनी से लेकर पाचन तक, हर बीमारी में राहत दिलाए लाल मिर्च

August 14, 2025
ताज़ा समाचार

फर्जी मतदाताओं को लिस्‍ट से हटाने के लिए एसआईआर महत्‍वपूर्ण कदम : संजय उपाध्याय

August 14, 2025
ताज़ा समाचार

’30 सालों से नहीं दिखे महिलाओं के आंसू, माफिया का एनकाउंटर गुजरा नागवार’, पूजा पाल का सपा पर आरोप

August 14, 2025
ताज़ा समाचार

एशिया कप : पांच बल्लेबाज, जिन्होंने टी20 फॉर्मेट में जड़े सबसे ज्यादा छक्के

August 14, 2025
ताज़ा समाचार

जब सिंपल कपाड़िया ने राजेश खन्ना के साथ किया था पर्दे पर डेब्यू, उस दौरान हो गई थीं असहज

August 14, 2025
Next Post
सपा ने परिणाम आने से पहले रामपुर में की दोबारा चुनाव कराने की मांग

सपा ने परिणाम आने से पहले रामपुर में की दोबारा चुनाव कराने की मांग

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

093212
Total views : 5943516
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In