चेन्नई, 20 फरवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी छात्रों में बढ़ती आत्महत्या के मामले के विरोध में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-एम) के सामने मौन मार्च निकालेगी।
हाल ही में देश के प्रमुख टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली।
तमिलनाडु कांग्रेस (एससी विंग) के प्रदेश अध्यक्ष एम.पी. रंजीत कुमार ने एक बयान में कहा, 2014 से 2021 तक संसद में प्रस्तुत हालिया आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार के संस्थानों में 122 छात्रों ने आत्महत्या की है। इनमें से 71 एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के हैं। इसी अवधि में, आईआईटी में 34 छात्रों ने आत्महत्या की है और उनमें से 18 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं।
जाति के प्रभुत्व की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तहत देश के प्रीमियम इंस्टीट्यूट में दलित और पिछड़े छात्रों पर जातिगत अत्याचार हो रहे हैं।
गौरतलब है कि आईआईटी-मुंबई के एक छात्र दर्शन सोलंकी (18) ने 12 फरवरी को पोवारी, आईआईटी-मुंबई परिसर में अपने होटल के कमरे की सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी।
आईआईटी-मद्रास में कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट छात्र स्टीफन सनी (24) ने अपने छात्रावास के कमरे से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। आईआईटी-मद्रास के एक और बीटेक छात्र ने नींद की गोलियां खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास किया था।
कांग्रेस द्वारा प्रमुख संस्थान की ओर एक मौन विरोध मार्च आयोजित करने के साथ, इस मुद्दे पर राजनीतिक और नौकरशाही स्पेक्ट्रम पर चर्चा की जाएगी कि आईआईटी में क्या गलतियां हैं और क्या छात्रों को उनके धर्म के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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