लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस)। उमेश पाल अपहरण केस के आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ मंगलवार को कोर्ट में पेश होने के लिए जेल से कोर्ट पहुंच चुके हैं। कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट पूरी तरह से छावनी में तब्दील नजर आई।
नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी
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लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस)। उमेश पाल अपहरण केस के आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ मंगलवार को कोर्ट में पेश होने के लिए जेल से कोर्ट पहुंच चुके हैं। कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट पूरी तरह से छावनी में तब्दील नजर आई।
नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
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उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
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ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी
लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस)। उमेश पाल अपहरण केस के आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ मंगलवार को कोर्ट में पेश होने के लिए जेल से कोर्ट पहुंच चुके हैं। कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट पूरी तरह से छावनी में तब्दील नजर आई।
नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी
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लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस)। उमेश पाल अपहरण केस के आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ मंगलवार को कोर्ट में पेश होने के लिए जेल से कोर्ट पहुंच चुके हैं। कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट पूरी तरह से छावनी में तब्दील नजर आई।
नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं।
अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी। हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
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उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
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उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।
ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया। जेल से पहली वैन खाली रवाना की गई। दूसरी वैन में फरहान, फिर तीसरी वैन में अशरफ और आखिरी में अतीक को लेकर प्रिजन वैन कोर्ट के लिए निकली। 50 सुरक्षाकर्मी नैनी सेंट्रल जेल से कोर्ट के लिए लेकर निकले थे।
उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे।
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ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।