कोलकाता, 24 दिसम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा प्रकाशित 952 ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की सूची में तृणमूल कांग्रेस के एक पार्षद का नाम आने के बाद शनिवार को पश्चिम बंगाल में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया, जिनमें कथित रूप से सरकारी स्कूलों में अयोग्य उम्मीदवारों को शिक्षक के रूप में समायोजित करने के लिए छेड़छाड़ की गई थी।
डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार पूरी सूची प्रकाशित करने के बाद, यह पाया गया कि सूची में एक नाम दक्षिण 24 परगना जिले में राजपुर-सोनारपुर नगरपालिका के वार्ड नंबर 18 से तृणमूल पार्षद कुहेली घोष का है। घोष सोनारपुर चौहाटी हाई स्कूल में इतिहास की एक माध्यमिक शिक्षिका भी हैं, जो उस वार्ड के अंतर्गत आती है जहां वह पार्षद हैं। डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा प्रकाशित 952 छेड़छाड़ की गई डटफ शीट की सूची में उनका नाम 474वें स्थान पर है।
सूची में उनका नाम आने के बाद राज्य में विपक्षी दलों ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला किया। घोष खुद इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से हिचक रही थीं, उन्होंने कहा कि चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए इस समय इस पर कोई टिप्पणी करना उनके लिए नासमझी होगी।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि ताजा खुलासे से साबित होता है कि मौजूदा शासन के तहत राज्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में कितनी बड़ी अनियमितता हुई है। यह राज्य के उच्चतम राजनीतिक-प्रशासनिक स्तर से समर्थन के बिना संभव नहीं है।
राज्य भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मौजूदा सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के लिए पैसे कमाने का एक माध्यम बना दिया है। उन्होंने कहा- आने वाले दिनों में और घोटाले सामने आएंगे।
डब्ल्यूबीएसएससी के रिकॉर्ड के अनुसार, घोष जनवरी 2019 में सोनारपुर चौहाटी हाई स्कूल में भर्ती परीक्षा और साक्षात्कार को पास करने के बाद इतिहास के शिक्षक के रूप में शामिल हुई। इससे पहले वह राजकीय प्राथमिक विद्यालय में प्राथमिक शिक्षिका थीं।
–आईएएनएस
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