नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अधिवक्ता रवि कुमार और उनके मुवक्किल को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया। वकील ने आरोप लगाया कि न्यायाधीशने उनके खिलाफ बेईमानी से आदेश पारित किया था।
कुमार और उनके मुवक्किल ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दो अपीलें दायर की थीं।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र के स्थायी वकील हरीश वैद्यनाथन शंकर ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष अवगत कराया कि अपील में कहा गया है कि न्यायाधीश ने बेईमानी से उत्तरदाताओं का पक्ष लेने का प्रयास किया है।
हालांकि, अपीलों की जांच के बाद, पीठ ने पाया कि न्यायाधीश के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है और ये बयान अवमानना के बराबर हैं।
अपने आदेश में, पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता और वकील को विद्वान न्यायाधीश के खिलाफ इस तरह के लापरवाह आरोप लगाने के लिए अवमानना का नोटिस जारी किया जाना चाहिए, जो अदालत की गरिमा को कम करता है।
वकील ने अदालत से अपने आदेश में कुछ नियमों के बारे में अपनी दलील दर्ज करने का आग्रह किया, लेकिन पीठ ने कहा कि वह पहले अवमानना के नोटिस पर उनकी प्रतिक्रिया को ध्यान में रखेगी।
दलीलों के निष्कर्ष के बाद, वकील ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि इस मामले का निर्णय न्यायाधीश द्वारा बेईमानी से किया गया था।
अदालत ने अब मामले को 29 मई के लिए सूचीबद्ध किया है।
–आईएएनएस
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