पटना, 17 मार्च (आईएएनएस)। बिहार की सियासी फिजाओं में पिछले लंबे समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार के राजनीति में आने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर जदयू के करीब सभी नेता बयान देते रहे हैं। लेकिन, अब तक नीतीश कुमार और स्वयं निशांत इसे लेकर चुप हैं। इस बीच, जदयू कार्यालय के बाहर लगे एक पोस्टर ने एक बार फिर से इस मसले को हवा दे दी है। अब इस पोस्टर के मायने निकाले जाने लगे हैं।
दरअसल, जदयू कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें निशांत और मुख्यमंत्री सहित जदयू के कई बड़े नेताओं की तस्वीर है। पोस्टर के सबसे नीचे अभय पटेल, वरुण कुमार और चंदन पटेल की तस्वीर और नाम हैं तथा निवेदक जदयू परिवार लिखा हुआ है। इसके अलावा इस पोस्टर में मोटे अक्षरों में लिखा गया है ‘बिहार की मांग, सुन लिए निशांत, बहुत बहुत धन्यवाद’।
इस पोस्टर के जरिए जदयू के नेताओं का मानना है कि बिहार की मांग को निशांत कुमार ने सुन लिया है। इससे पहले ‘बिहार की मांग है कि निशांत कुमार राजनीति में आए’, इसे लेकर भी पोस्टर लगाए गए थे। हालांकि, अब तक निशांत कुमार ने खुद राजनीति में आने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन, इन पोस्टरों के सामने आने से एक बार फिर उनके सक्रिय राजनीति में उतरने की चर्चा जोरों पर है। जदयू के नेता इसे लेकर खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। विपक्ष इसको लेकर भले ही अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। जदयू राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद का विरोध करती रही है। पार्टी के नेता इसे लेकर राजद को घेरते भी रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि होली पर्व के दिन निशांत मुख्यमंत्री आवास पर सक्रिय नजर आए थे। उन्होंने आने वाले जदयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात की थी और होली की शुभकामनाएं भी दी थीं। इस बीच, बिहार के मंत्री और जदयू के नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि यह तो स्वाभाविक है कि वे मुख्यमंत्री के बेटे हैं तो वे वहां रहते ही हैं। पहले भी वे लोगों से मिलते रहे हैं। उनके राजनीति में आने या नहीं आने का फैसला नीतीश कुमार को लेना है, पार्टी उनकी है। इसमें कोई बहुत बड़ी राजनीति की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने इस पार्टी को खड़ा किया है, राजनीतिक भविष्य भी वे ही लिखेंगे।
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