कोलकाता, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने जनसंख्या जनगणना, हिंदू एकता और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चुनावी भविष्य के बारे में खुलकर बात की।
समिक भट्टाचार्य ने जनसंख्या जनगणना को लेकर विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष का कहना है कि जनगणना जाति के आधार पर होनी चाहिए। अब एक नया हथकंडा सामने आया है कि भाजपा हिंदू और मुस्लिम के नाम पर विभाजन करना चाहती है और इसी कारण जनगणना करवा रही है। लेकिन, पश्चिम बंगाल और पूरे भारत के लोग जानते हैं कि जनगणना लंबित थी और इसे करवाना आवश्यक है। देश की स्थिति क्या है, जनसंख्या कैसे बढ़ रही है, और इसे नियंत्रित कैसे किया जाए, इस पर समाज बहुत चिंतित है। इसलिए, जनगणना होना जरूरी है और हम इसका स्वागत करते हैं।
समिक भट्टाचार्य ने आरएसएस के बयान पर भी अपनी राय व्यक्त की, जिसमें कहा गया था कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’। उन्होंने कहा कि जब हिंदू विभाजित हुए, तब भारत भी विभाजित हुआ। यदि उस समय समस्त हिंदू समाज एकजुट होता या इसके प्रति जागरूकता पैदा की जाती, तो सिलीगुड़ी असम से अलग नहीं होता और बंगाल का विभाजन नहीं होता। कांग्रेस की राजनीति का उद्देश्य धर्म के नाम पर देश को बांटना है। भाजपा इस पर नीतिगत रूप से आपत्ति उठाती है और हम आरएसएस के बयान का समर्थन करते हैं, लेकिन मैं आरएसएस का प्रवक्ता नहीं हूं।
तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष द्वारा 2026 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल की जीत के दावे पर समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग किसी भी कीमत पर तृणमूल कांग्रेस सरकार से मुक्ति चाहते हैं। लोग इस स्थिति में हैं कि वे तृणमूल को बाहर फेंक देंगे। बंगाल में इतने सारे मुद्दे हैं और जहां भी संस्थागत भ्रष्टाचार बढ़ा है, वहां लोगों के पास तृणमूल के अत्याचारों को रोकने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सपने देखना आसान है, लेकिन कुणाल घोष को भी यह पता है कि आने वाले दिनों में क्या होगा।
–आईएएनएस
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