नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के 10 साल पूरे हो रहे हैं। सरकार ने 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। जनधन योजना के जरिए सरकार देश के गरीब,वंचित तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने में कामयाब रही है। इसके साथ साथ ही डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर यानी डीबीटी के माध्यम से सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का भी फायदा सीधे लाभर्थियों तक इसके जरिए पहुंचाया जा रहा है।
पीएम जनधन योजना से लगभग करोड़ों लोगों को लाभ मिल रहा है। इस योजना के लाभार्थी ने पीएम मोदी का आभार जताया है। आईएएनएस के साथ बातचीत में इन लोगों ने इस पर खुलकर अपनी राय रखी।
भोपाल की नीतू यादव ने बताया कि पीएम जनधन योजना के तहत अकाउंट खुलने के बाद हमें काफी सहूलियत मिली है। पहले जब हमारा खाता नहीं था तो पैसे को घरों में रखते थे, जिससे कई बार चोरी और खोने का डर भी रहता था। लेकिन, जनधन अकांउट खुलने के बाद हमें काफी सुविधा मिली है। साथ ही मेरे परिवार को सरकारी योजनाओं का भी लाभ इन्हीं बैंक खातों में सीधे मिलता है। जिसमें लाड़ली बहना योजना, गैस सब्सिडी का पैसा खाते में आता है।
लाभार्थी ममता ने बताया कि पहले बैंक में खाता खुलवाने के लिए बहुत मुश्किल होती थी। कई दिनों तक बैंक चक्कर लगाने पड़ते थे। दूसरों का बैंक में खाता देखकर मुझे भी लगता था कि बैंक में मेरा भी खाता हो। पीएम जनधन योजना के 10 साल पूरे होने पर उन्होंने कहा कि इससे हमारा काफी पैसा बच रहा है। जिसे देखकर आगे के लिए सोच सकते हैं कि हमारे पास भी पैसा है।
एक अन्य महिला लाभार्थी ने कहा कि मैंने जनधन योजना के तहत 8 साल पहले खाता खुलवाया था। मोदी सरकार की कई योजनाओं का पैसे सीधे खाते में आता है। मुझे कभी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि लाड़ली बहना योजना जैसी स्कीम आएगी या फिर बैंक में हमारा खाता खुलेगा और हमें इसका लाभ मिलेगा। 10 साल पहले जब यह योजना नहीं थी तो हमें कई बारे खाता खुलवाने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते थे। उन्होंने ये भी बताया कि सरकारी योजनाओं का पैसा अब सीधे खाते में आता है वो भी बिना एक रुपया कटे। उन्होंने जनधन योजना के लिए पीएम मोदी का आभार भी जताया।
बिहार के शैलेंद्र कुमार ने बताया कि 2015 में जनधन योजना के तहत अपना खाता खुलवाया था। पहले बैंक में खाता खुलवाने जाते थे तो बैंकों में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। मैंने कभी भी नहीं सोचा था जीरो बेलैंस पर बैंक में खाता भी खुलेगा।
छात्र नरोत्तम सिंह ने बताया कि 18 साल की उम्र होने पर मैंने पीएम जनधन योजना के तहत अपना खाता खुलवाया था। स्कॉलरशिप के लिए हमें स्कूल की तरफ से खाता खुलवाने के लिए कहा जा रहा था। जिसके बाद जनधन के तहत खाता खुलवाया। पहले खाता खुलवाने के लिए हजार रुपये रखने पड़ते थे, मगर जनधन के तहत जीरो बैलेंस पर अकाउंट खुल गया। छात्रवृत्ति का पैसा हमारे खाते में आसानी से आ गया।
लाभार्थी शीला यादव ने बताया कि पहले खाता खुलवाने के लिए पैसे लगते थे। लेकिन, पीएम जनधन योजना आने के बाद जीरो बैलेंस में खाते खोल गए। जिसके बाद मैंने भी बैंक में अपना खाता खुलवाया।
ऊषा देवी ने बताया कि 10 साल पहले मैंने पीएम जनधन योजना के तहत अपना खाता खुलवाया। पहले बैंक में खाता खुलवाने के लिए 5 हजार रुपये मांगे जाते थे। लेकिन इस योजना के तहत जीरो बैलेंस में हमारा खाता खोला गया।
वाराणसी सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि आज प्रधानमंत्री जन धन योजना के 10 वर्ष पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 18 लाख 66 हजार 621 लोगों के खाते आज की तारीख में खुल चुके हैं। इस योजना का लाभ हर परिवार को मिल रहा है। डीबीटी के माध्यम से आज बिना दलाल या ऑफिस के चक्कर काटे बिना पेंशन और सब्सिडी सभी के खाते में सीधे जा रही है। उन्होंने बताया कि गांव में जो भी नए लोग आ रहे हैं, वहां कैंप लगाकर उनके भी खाते पास के ही बैंक में जीरो बैलेंस पर खोले जा रहे हैं।
मथुरा की सत्यवती देवी ने बताया कि पहले खाता नहीं होने की वजह से दिक्क्त होती थी। पीएम जनधन योजना के तहत खाता खुलवाने से बहुत लाभ मिला है। सब्सिडी के पैसे सीधे खाते में आती है।
पांची देवी ने बताया कि जनधन खाते में पेंशन और गैस सब्सिडी सीधे खाते में आ जाती है, जिससे अपना खर्चा चलाने में मदद हो जाती है।
मोदी सरकार द्वारा पीएम जनधन योजना को लाने का मकसद था, जनता का आर्थिक सशक्तिकरण और गरीब वर्ग को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ना। जिन लोगों की पहुंच बैंकिंग सेवाओं तक नहीं थी, वो इसके जरिए बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकें। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाता खुलवाने के लिए एक भी रुपये की जरूरत नहीं होती है और न ही इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की भी जरूर होती है। कोई भी व्यक्ति इसमें सिर्फ जीरो बैलेंस में खाता खुलवा सकता है। खाता धारक को निःशुल्क रुपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है। वित्त मंत्रालय के डेटा के अनुसार, इस योजना के तहत अभी तक 50 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले जा चुके हैं।
–आईएएनएस
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