सतना, देशबन्धु।कई गांवों का मुख्यालय जनपद होता है। ऐसे में जब जनपद मुख्यालय में रहने वाली जनता समस्या से घिरी हो तो ऐसी स्थिति में गांवों में सुविधाओं की बात करना बेइमानी होगी। हम बात कर रहे हैं तराई अंचल में स्थित मझगवां जनपद पंचायत की।
यहां पर कई वार्डों में नल-जल योजना पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। जनता लगातार टैंकर से पानी वितरण के करने गुहार लगा रही है लेकिन इस दिशा में न तो सरपंच द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न ही जनपद सीईओ द्वारा। कुल मिलाकर के जनता अपने ही भग्य को लगातार कोस कर सूखे कंठ की प्यास बुझाने लगातार प्रयासरत दिख रही है।
अगर देखा जाए मझगवां जिले का ऐसा जनपद मुख्यालय है जिसे नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिला। 20वार्डों के इस ग्राम पंचायत में ही जनपद मुख्यालय है। तराई अंचल की क्षेत्र से लगे इस कस्बे में तो समस्याओं का अंबार है लेकिन हम बात सिर्फ और सिर्फ पानी की कर रहे हैं। जिसकी समस्या तो वैसे सभी वार्डों में है लेकिन वार्ड क्रमांक 6,7,8, सहित 9 में इतनी गंभीर समस्या है जिसका कोई हिसाब नहीं।
नल-जल योजना का काम पूरा
बताया गया है कि यहां पर नल-जल योजना के तहत नई टंकी का निर्माण कराकर घर-घर पानी की सप्लाई के लिए नई पाइप लाइन भी डाली जा चुकी है। इसके बाद भी यहां की जनता को पेय जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। लोगों का कहना है कि सभी काम छोड़कर हम लोग सुबह से पानी की तलाश में जुट जाते हैं। यही वजह है कि हम लोगों का ज्यादा से ज्यादा समय इसी पानी की खोज करते ही बीतता है।
गर्मी में और होगी परेशानी
लोगों का कहना है कि यहां तो वैसे भी नहीं नहीं है। ज्यों-ज्यों गर्मी अपने रौद्र रूप में आएगी तो और भयावह स्थिति निर्मित होगी। लोगों का कहना है कि धर्मनगरी चित्रकूट का मार्ग यही से होकर निकलता है। दिन भर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। गर्मी में हालात यह होते हैं कि कोई पानी तक
नहीं देता।
चलवाना चाहिए टैंकर
तो दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि जब बोर खराब हो गये हैं और पानी की कमी आ गई है ऐसी स्थिति में कस्बे की जनता को पानी टैंकर के माध्यम से दिलवाना चाहिए। लेकिन पंचायत द्वारा अभी तक ऐसा नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यहां की महिला सरपंच हैं जिस वजह से पूरा काम सरपंच पति ही देखते हैं। यह भी एक समस्या है।
इनका कहना है
इन दिनों परीक्षा भी शुरू हो गई हैं। जब पढऩे का समय है तब जल संकट की समस्या बन गई है। पूरा समय पानी ढोने में बीत जाता है। क्या करें।
कपिल गुप्ता, छात्र
सबसे गंभीर हालात वार्ड क्रमांक 8के हैं। यहां के सभी लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। तब कहीं जाकर उन्हे पानी नसीब हो पाता है।
लल्लू वर्मा, वार्ड 8
इस समस्या से कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया है। सूखे कंठ का सवाल है। इस वजह से पानी के लिए मजबूरी में भटकना पड़ता है।
लकी साहू वार्ड 7
गर्मी के शुरू होते ही ऐसी स्थिति का निर्मित होना आम बात है। इस समस्या के निदान की तरफ अभी तक ठोस कदम उठाये ही नहीं जाते है।
हेमू वर्मा वार्ड 7
बताते हैं कि जिन बोरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जाती थी वह पूरी तरह से बंद पड़ा है। इस वजह से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है।
लवकुश गुप्ता वार्ड 6
जनपद परिसर के बाहर जो बोर है उसे पानी की कमी आ गई है,
पाइप लाइन डालवाकर दिखवाया जाएगा। लल्लू वर्मा के घर के बाहर जो बोर है उसी मोटर जल गई है बनवाने के लिए निकलवाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन मोटर नहीं निकल रही।
संपतिया आरख, सरपंच