नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
–आईएएनएस
डीकेएम/एएस
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
–आईएएनएस
डीकेएम/एएस
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।
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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से करोड़ो दिलों पर राज करने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं।
इन दोनों हस्तियों का बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने का सफर आसान नहीं था। लेकिन, तमाम मुश्किलों के बावजूद जॉनी लीवर और सुनिधि चौहान ने अपनी नई पहचान बनाई।
जॉनी लीवर ने एक पॉडकास्ट में बताया था, कि एक वक्त ऐसा था जब उनके जीवन में उनके पास अपनी कैसेट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मेरे जमाने में धारावी का माहौल काफी खतरनाक था। स्कूल से जब हम आते थे, तो सड़कों पर खून-लाश देखने को मिलती थी। आज स्थिति बदल गई है, धारावी में मेरा घर है और जब मैं वहां जाता हूं तो वहां के लोग मुझसे कहते हैं कि आपने आना क्यों छोड़ दिया। पुलिस को कई बार मुझे वहां से निकालने के लिए आना पड़ता है। धारावी में मनोरंजन भी बहुत होता था, उन दिनों लाउडस्पीकर पर गाने बजाते थे। स्लम में रहते हुए मैंने गुजराती, मराठी भाषाएं सीखी, जो आज तक मुझे काम आ रही है। स्कूल के दिनों में शिक्षकों की कॉपी करने के दौरान मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर मुझे इतना प्यार मिलेगा।
जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। उन्होंने बताया था कि घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दारू के ठेके पर भी काम किया। वह स्कूल भी जाते थे और काम भी करते थे। फुटपाथ पर एक्टरों की नकल करके पेन बेचे। हिन्दुस्तान लीवर में 6 साल नौकरी की। उनके पिता वहां काम करते थे। 1981 में नौकरी छोड़ दी। 1982 में जॉनी की कॉमेडी की एक ऑडियो कैसट्स रिलीज हुई थी।
जॉनी लीवर ने बताया था कि, न्यूयॉर्क में उनकी कैसट्स 4 डॉलर में बिक रही थी। लेकिन, तब उनके पास 4 डॉलर भी नहीं थे जिससे वह अपनी खुद की कैसट्स खरीद पाते। लंबे संघर्ष के बाद जॉनी ने अपनी पहचान बनाई। उनकी मशहूर फिल्मों में ‘बाजीगर’, ‘बादशाह’, ‘करण अर्जुन’, जैसी फिल्में हैं। जिसे जॉनी भी दर्शकों को देखने के लिए कहते हैं।
सुरों की मल्लिका सुनिधि चौहान का जन्म 14 अगस्त 1983 को हुआ था। जन्म के बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली से हुई। हालांकि, सुनिधि का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। सुनिधि ने तय कर लिया कि उन्हें गायिकी में अपना करियर बनाना है। सुनिधि ने चार साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था। यहां से शुरू हुआ उनका सफर आज तक जारी है। उन्होंने सिंगिंग के अलावा कई म्यूजिक रिएलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभाई हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज में कई सुपरहिट गीत गाए है।