नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के 10 साल पूरे हो गए। केंद्र सरकार ने 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। भारत सरकार के सचिव और प्रधानमंत्री जन धन योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अनुराग जैन ने इससे जुड़ी कुछ पुरानी यादें शेयर की। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत में इसकी कल्पना व्यापक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के रूप में की गई थी और बाद में इसका नाम बदलकर जन धन योजना कर दिया गया था।
वित्तीय सेवा विभाग में तत्कालीन संयुक्त सचिव अनुराग जैन ने बताया कि 15 अगस्त 2014 को पीएम मोदी ने इसकी घोषणा की कि किस प्रकार से इस प्रोग्राम को पूरा करना है। इस पर हमारा प्रस्ताव था कि मार्च 2016 में इस प्रोग्राम को पूरा करके देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि दो साल तो बहुत है इतना समय किसके पास है। पीएम मोदी ने उनसे कहा कि आप इसे दो साल में पूरा करेंगे ये आपने कल्पना तब की जब आपके सामने इस कार्यक्रम की जानकारी रखते हुए कहा गया कि ये आपको करना है।
अनुराग जैन ने आगे कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री किसी योजना या कार्यक्रम को लेकर आपके साथ खड़े हों तो आपकी ताकत कितनी बढ़ जाएगी, आपने इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते, यही मेरे साथ हो रहा था। जब पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपके साथ पूरी सरकार और युवाओं को खड़ा कर दूंगा। फिर देखिए ये काम दो महीने में पूरा कैसे नहीं होगा। तब पीएम मोदी ने एक नारा दिया ‘झंडे से झंडे तक’ और कहा कि इसकी घोषणा मैं 15 अगस्त को करूंगा। ऐसे में इस योजना के अंतर्गत 26 फरवरी के पहले 100 प्रतिशत फैमिली कवरेज चाहिए। मात्र 5 महीने में 15 अगस्त 2014 में पीएम मोदी ने इस योजना का ऐलान किया। लक्ष्य 26 जनवरी तक दिया लेकिन 26 दिसंबर को ही हमने यह लक्ष्य पा लिया था। तब तक हर परिवार में कम से कम एक सदस्य का बैंक खाता खुल चुका था। यह अपने आप में अकल्पनीय चीज थी।
उन्होंने बताया कि जब 15 अगस्त 2014 में पीएम जनधन योजना का ऐलान किया था। हम लोग खुश हो गए थे कि स्कीम का ऐलान कर दिया गया, अब हम लोग इसको लागू करेंगे। एक घंटे बाद पीएम मोदी के ज्वाइंट सेक्रिटरी का फोन आता है और हमसे पूछते हैं कि आप इस योजना को लागू करने के लिए कब तैयार हैं। इस पर हमने उनसे कहा कि इसको लेकर हमारी पूरी तैयारी है।
उन्होंने बताया कि पीएम मोदी चाहते हैं कि जिस दिन ये योजना लागू हो उस दिन एक करोड़ लोगों के खाते खोले जाएं। ये कार्यक्रम 28 अगस्त में ही होना है। लोगों में इसको लेकर उत्साह इतना था कि 28 अगस्त की शाम को ये योजना शुरू हुई जो कि 30 अगस्त तक चली। रात को पता चला कि लोगों की भीड़ कम नहीं हो रही थी। जिस पर हमने कहा कि कैंप अगले दिन भी लगाए जाएं। ऐसी कोई जल्दबाजी नहीं है कि आज ही इसको खत्म करना है। 30 अगस्त को यह प्रोग्राम खत्म हुआ जिसके बाद हमने टोटल किया तो पता चला 2 करोड़ 16 लाख खाते मात्र डेढ़ दिन के अंदर खोले गए।
अनुराग जैन ने बताया कि हमें निर्देश दिए गए कि जब एक दिन में रिकॉर्ड खाते खोले तो इसे ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ और ‘लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज क्यों नहीं करवा रहे हो। पीएम मोदी ने इस योजना के नाम को लेकर राय मांगी। जिसके बाद हम लोगों ने MyGov प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों से सुझाव मांगे। जिस पर कई लोगों के सुझाव आए। फिर एक कमेटी बनाकर उसको शॉर्ट लिस्ट किया और 10 नाम चुनकर पीएम मोदी को पास भेजे। इसके बाद उन्होंने ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ का नाम चुना।
पीएम मोदी ने हम से पूछा कि क्या आपने बैंक में खाता खोलने वाला फॉर्म देखा है। इस पर हमने जवाब दिया हां देखा है, 6 पेज होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि फॉर्म को सिर्फ़ एक पेज का कैसे किया जा सकता है। इसके बाद हमने बैंकर्स के साथ फॉर्म को रिडिजाइन करवाया और बैंक खाता ओपनिंग फॉर्म को एक पेज का करवाया।
–आईएएनएस
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