जबलपुर, देशबन्धु. पमरे के उच्च अधिकारियों की अनदेखी के कारण जबलपुर स्टेशन में पदस्थ कर्मचारियों से अनावश्यक रूप से साइकल स्टैंड शुल्क धड़ल्ले से लाखों रूपया वसूला जा रहा है, जबकि यह पूरी तरह से गलत ही माना जा रहा है. संस्कारधानी के किसी भी शासकीयस अर्ध शासकीय केन्द्र शासन के अधीनस्थ किसी भी विभाग के कार्यालयों में कर्मचारियों से किसी भी प्रकार का साइकल स्टैंड शुल्क नहीं लिया जाता है.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्र शासन के जीएसटी कार्यालय आयकर विभाग सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन सर्वे ऑफ इंडिया केन्द्रीय विद्यालय गन गैरिज फैक्टरी आर्डिनेस फैक्टरी खमरिया ओएफके सेन्ट्रल आर्डिनेस डिपो सीओडी जीवन बीमा निगम ईएसआई एवं अन्य शासकीय कार्यालय पर्यटन कलेक्टर कार्यालय नगर निगम कार्यालय,मध्यप्रदेश बिजली विभाग के मुख्यालय शक्ति भवन,स्टैट बैंक ऑफ इंडिया भारतीय संचार निगम कार्यालय एवं अर्धशासकीयस कार्यालय में कर्मचारियों से साइकल स्टैंड का किसी भी प्रकार कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.
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यह भी अजीब प्रकार की विडंमना है कि रेलवे में कर्मचारियों से लगभग 2 हजार रूपया प्रति वर्ष रेलवे के कर्मचारियों से प्रतिवर्ष एवं चार पहिया वाहन का लगभग 24 हजार रुपया प्रतिवर्ष धड़ल्ले से साइकल स्टैंड का वसूला जा रहा है जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से मौन है.
पमरे के मुख्य स्टेशन परिसर में यह चर्चा जोरों से है कि रेलवे अधिकारियों की उदासीनता और अनदेखी के कारण ही रेलवे के कर्मचारियों से स्टैंड के नाम पर शुल्क वसूला जाना एक पहेली बना हुआ है. रेलवे जब एक ही सबसे बड़ा केन्द्र शासन का सबसे अधिक उपयोगी संस्था है एक ही संस्था में अलग अलग प्रकार के नियम क्यों बनाए गए हैं.
स्टैंड शुल्क पूरी तरह से गलत है- पमरे के महाप्रबंधक और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में शासन द्वारा साइकल एवं कार रखने के लिए अच्छे ढंग से स्थान का आवंटन किया गया है. यहां पर कर्मचारियों और अधिकारियों से किसी भी प्रकार का शुल्क की शुल्क की वसूली नहीं की जाती है. निजी संस्थानों से आए गार्ड ही इन वाहनों की सुरक्षा करते हैं. जब रेलवे एक ही संस्था है तो अलग अलग नियमों का बनाया जाना एक आश्चर्य चकित करने वाले प्रश्र बताया जा रहा है.
स्टेशन परिसर में कई स्टैंड है- पमरे कम्प्यूटर आरक्षण केन्द्र के अन्दर लगभग 2 दर्जन कर्मचारियों द्वारा अपने वाहन रखे जाते हैं. इसी प्रकार रेलवे सुरक्षा बल आरपीएफ कार्यालय के सामने आरपीएफ के कर्मचारियों के लिए नि:शुल्क साइकल स्टैंड स्थापित है. इसी के साथ ही साथ सिंग्नल एवं दूर संचार विभाग का कार्यालय है यहां के कर्मचारियों की गाड़ियां नि:शुल्क ही पार्क की जाती हैं.
ड्राइवर एवं गार्ड लॉबी का भी प्लेटफार्म नम्बर एक पर वाहन रखने की व्यवस्था है, इसी के साथ ही शासकीय रेलवे पुलिस जीआरपी कार्यालय के कर्मचारियों से भी किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है जब रेलवे एक है तो कर्मचारियों से भेदभाव पूर्ण व्यवहार किए जाने का क्या औचित्य है यह सभी के समझ के परे बताया जा रहा है.
टीसी बुकिंग र्क्लक से स्टैंड शुल्क वसूलना अनुचित है- पमरे के मुख्य स्टेशन में पदस्थ टिकट कलेक्टर बुकिंग र्क्लक पार्सल र्क्लक आदि से मनमाफिक दो पहिया और चार पहिया वाहन का शुल्क मनमाफिक वसूल करना पूरी तरह से अनुचित है. इस प्रकार की वसूली पर त्वरित रोक लगनी चाहिये.
कर्मचारी संगठन कोर्ट जाने की तैयारी में – पमरे के एक कर्मचारी संगठन ने देशबन्धु प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए बताया कि कर्मचारियों साइकल स्टैंड की वसूली पूर्णत: गैर कानूनी है, इस संबंध में मंडल पमरे की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय ओर मंडल रेल प्रबंधक कमल तलरेजा से शीघ्र ही मुलाकात करेंगे और इस भेदभाव पूर्ण रवैये के संबंध में चर्चा करेंगे यदि शीर्ष प्रबंधन ने हमारी मांग स्वीकार कर ली तो ठीक है वरना हम लोग माननीय न्यायालय में इस संबंध में अपनी रिट दायर करेंगे.
रेलवे के पास स्टेशन और स्टेशन के आसपास बहुत सी जमीन है, विभाग यदि इस जमीन पर अपने कर्मचारियों के लिए जमीन का आंवटन करे तो एक अच्छी व्यवस्था होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. यहां इस बात का उल्लेख करना आवश्यक है कि मंडल रेल प्रबंधक एक कुशल प्रशासक हैं और अच्छे निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं. वह शीघ्रता से इस संबंध में निर्णय लेगें. इसी के सभी को उम्मीद है.