नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। उस झड़प में भारत के 20 जवान और चीन के 42 जवान शहीद हो गए थे।
यह झड़प 15 जून, 2020 की रात को हुई थी। यह घटना तब हुई, जब रात में गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी।
इस घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया था। सेना ने कहा था कि 15 जून की रात गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी और 20 जवान शहीद हुए थे।
भारत कहता रहा है कि गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए। चीन ने बयान भी जारी किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। कई महीनों बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की।
चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
–आईएएनएस
पीके/एएनएम
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। उस झड़प में भारत के 20 जवान और चीन के 42 जवान शहीद हो गए थे।
यह झड़प 15 जून, 2020 की रात को हुई थी। यह घटना तब हुई, जब रात में गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी।
इस घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया था। सेना ने कहा था कि 15 जून की रात गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी और 20 जवान शहीद हुए थे।
भारत कहता रहा है कि गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए। चीन ने बयान भी जारी किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। कई महीनों बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की।
चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
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यह झड़प 15 जून, 2020 की रात को हुई थी। यह घटना तब हुई, जब रात में गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी।
इस घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया था। सेना ने कहा था कि 15 जून की रात गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी और 20 जवान शहीद हुए थे।
भारत कहता रहा है कि गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए। चीन ने बयान भी जारी किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। कई महीनों बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की।
चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। उस झड़प में भारत के 20 जवान और चीन के 42 जवान शहीद हो गए थे।
यह झड़प 15 जून, 2020 की रात को हुई थी। यह घटना तब हुई, जब रात में गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी।
इस घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया था। सेना ने कहा था कि 15 जून की रात गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी और 20 जवान शहीद हुए थे।
भारत कहता रहा है कि गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए। चीन ने बयान भी जारी किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। कई महीनों बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की।
चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
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यह झड़प 15 जून, 2020 की रात को हुई थी। यह घटना तब हुई, जब रात में गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी।
इस घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया था। सेना ने कहा था कि 15 जून की रात गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी और 20 जवान शहीद हुए थे।
भारत कहता रहा है कि गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए। चीन ने बयान भी जारी किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। कई महीनों बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की।
चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
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यह झड़प 15 जून, 2020 की रात को हुई थी। यह घटना तब हुई, जब रात में गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी।
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भारत कहता रहा है कि गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए। चीन ने बयान भी जारी किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। कई महीनों बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की।
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यह झड़प 15 जून, 2020 की रात को हुई थी। यह घटना तब हुई, जब रात में गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी।
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चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
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चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
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चीन ने केवल चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की। कुछ महीने बाद एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस संख्या पर सवाल उठाया और बताया कि कम से कम 38 पीएलए सैनिक गालवान में मारे गए थे।
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भारत कहता रहा है कि गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए। चीन ने बयान भी जारी किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। कई महीनों बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की।
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