टोरंटो, 16 नवंबर (आईएएनएस)। कनाडा की व्यापार मंत्री ने संकेत दिया है कि उनका देश भारत के साथ व्यापार वार्ता तब तक फिर से शुरू नहीं करेगा जब तक वह सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग नहीं करता।
सीबीसी समाचार आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार, मैरी एनजी ने सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग बैठक के मौके पर संवाददाताओं से कहा, “फिलहाल, कनाडा का ध्यान जांच के काम को आगे बढ़ाने पर है।”
एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “आपने मुझे और सरकार को इस बारे में बात करते हुए सुना है कि यह कितना महत्वपूर्ण है कि जांच होनी चाहिए, क्योंकि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या कर दी गई थी।”
जब उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया कि क्या वह इस जांच पर सहयोग की आवश्यकता और व्यापार वार्ता की बहाली को सीधे जोड़ रही हैं, तो एनजी ने इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, “बेशक हमारा ध्यान इस जांच पर है, यह काम होना ही है।”
एनजी की इस टिप्पणी के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लंदन में कहा कि भारत कनाडा के आरोपों की जांच से इनकार नहीं कर रहा है, लेकिन वह चाहता है कि कनाडा अपने दावों के समर्थन में सबूत दे।
सितंबर में, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पुष्टि की कि कनाडा के साथ चल रही व्यापार वार्ता “कुछ मुद्दों” पर असहमति के कारण रुकी हुई थी। गोयल की यह टिप्पणी कनाडा द्वारा अक्टूबर में भारत के लिए एक व्यापार मिशन को रद्द करने के तुरंत बाद आई, जिसका नेतृत्व एनजी को करना था। भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 8.16 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में, कनाडा को भारत का निर्यात लगभग 91.1 करोड़ डॉलर था, जबकि कनाडा से आयात 99 करोड़ डॉलर का था।
कनाडा भारत का 17वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है और वर्ष 2000 से देश में 3.6 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुका है।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, कनाडा और भारत के बीच एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) से दो-तरफा व्यापार 6.5 अरब डॉलर तक बढ़ने की संभावना है, जिसका मतलब है कि 2035 तक कनाडा के सकल घरेलू उत्पाद में 3.8 अरब डॉलर – 5.9 अरब डॉलर का लाभ होगा।
ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को निज्जर की हत्या के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि इसके पीछे भारतीय एजेंटों का हाथ है। उनके बयान के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताकर खारिज कर दिया। पिछले सप्ताह ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा अभी भारत के साथ “लड़ाई” नहीं चाहता है। लेकिन कनाडाई प्रधानमंत्री ने अपने आरोप दोहराए और कहा कि ओटावा इस “बहुत गंभीर मामले” पर नई दिल्ली के साथ “रचनात्मक रूप से काम” करना चाहता है।
–आईएएनएस
एकेजे