मुरादाबाद, 11 सितंबर (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने यूएई में होने वाले भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप मैच का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जब दोनों देशों के बीच मन नहीं मिलते हैं तो ऐसे में कोई भी मैच कराना उचित नहीं है।
सांसद ने कहा, “हमारी भावनाएं आहत हो रही हैं। और भी देश हैं जिनके साथ मैच खेले जा सकते हैं। पाकिस्तान के साथ ही मैच खेलना जरूरी नहीं है। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में आतंकी घटना हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों की भावनाओं को समझना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि किसी दूसरे देश के साथ भी मैच खेला जा सकता है। पाकिस्तान के साथ मैच क्यों खेला जा रहा है? लोगों की भावनाओं को समझकर ही मैच होना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान ‘हाउस अरेस्ट’ किए जाने पर रुचि वीरा ने भाजपा पर मनमानी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा राहुल गांधी का विरोध करती है और उन्हें उनकी कॉन्स्टिट्यूएंसी में लेकर जाना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ अजय राय को उनकी अपनी कॉन्स्टिट्यूएंसी में गिरफ्तार करती है।
वीरा ने इस घटना को “अर्धमिता” बताया और कहा कि आने वाले 2027 के चुनाव में इस प्रदेश और देश की जनता इसका जवाब देगी।
सपा सांसद ने यति नरसिंहानंद द्वारा महिलाओं को ‘नागिन’ बताए जाने वाले बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यति पहले भी विवादित बयान देते रहे हैं, लेकिन यह बयान बहुत ही विवादित और महिलाओं तथा माताओं का अपमान है।
उन्होंने कहा, “भगवान किसी को एक बच्चा देता है, किसी को दो, किसी को चार भी। जिनके अपने बच्चे नहीं होते, वे इन भावनाओं को नहीं समझते हैं, इसलिए इस तरह के बयान देते हैं।”
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ किए जाने पर रुचि वीरा ने कहा कि कोई उम्मीद नहीं है कि टैरिफ को लेकर क्या होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सबसे ज्यादा टैरिफ अमेरिका ने ही भारत पर लगाए हैं।
एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर (रविवार) को मैच होने वाला है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार दोनों टीमें खेल रही हैं। हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का संबंध रखने से इनकार कर दिया था।
इसके बावजूद सरकार ने एशिया कप को वैश्विक टूर्नामेंट बताते हुए भारत-पाकिस्तान मैच की स्वीकृति दी है। सरकार के इस फैसले के विरोध हो रहा है। कई सामाजिक संगठनों, राजनीतिक पार्टियों के साथ कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी सरकार और बीसीसीआई के इस फैसले को गलत बताया है।
–आईएएनएस
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