पटना. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सांसद संजय झा ने विपक्ष के वोट चोरी के मुद्दे पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा कि देश में जब से ईवीएम आया, वोट चोरी होना बंद हुआ। उन्होंने दावा किया कि वोट चोरी तो तब होते थे जब मतपत्र के माध्यम से चुनाव होते थे, बूथ के बूथ लूट लिए जाते थे।
बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में आधार को 12वें पहचान पत्र के रूप में मानने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विपक्ष की ओर से इसे जीत बताने पर उन्होंने कहा कि वोटर अधिकार यात्रा कांग्रेस-राजद ने मिलकर निकाला, जनता का समर्थन नहीं मिला।
वोट चोरी के दावे करने वाले लोगों को पता होना चाहिए कि सीएम नीतीश कुमार ने चार चुनाव जीते हैं। उन्होंने दावा किया कि जिस वोट चोरी की बात कर रहे हैं, वह तब हुई जब यहां बूथ की छपाई हो रही थी। चुनाव मतपत्र पर हुए थे। जब से ईवीएम आया वोट चोरी होना बंद हो गया।
राजद की ओर से लोगों के फॉर्म भरवाने को गलत करार देते हुए जदयू सांसद ने कहा कि यह सरासर गलत है। अभी आप सरकार में नहीं हैं तो कैसे फॉर्म भरवा सकते हैं। यह सिर्फ जनता को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। फॉर्म भरवाने का कार्य सरकार के जिम्मे होता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम पर जदयू सांसद संजय झा ने कहा कि 9 सितंबर के परिणाम बहुत अच्छे हैं, जिसमें एनडीए को 427 वोट मिले। इसके अलावा, विपक्षी पक्ष से भी 25 वोट आ गए, जिससे कुल 452 वोट हो गए। यह एक स्पष्ट संदेश देता है कि सरकार का कामकाज न केवल जनता पर, बल्कि सांसद पर भी प्रभावी है। कुछ पार्टियां जो एनडीए के ब्लॉक में नहीं हैं, उन्होंने भी समर्थन दिया है।
सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने पर यह जीत वैध है, 25 अतिरिक्त वोट मिलने से इसे वोट चोरी तो नहीं कह सकते हैं। कुल मिलाकर, यह एनडीए के पक्ष में एक मजबूत प्रभाव है।
जदयू सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हमें गर्व है कि इस चुनाव में जहां एनडीए के सभी सांसद एकजुट रहे, वहीं अनेक अन्य सांसदों ने भी अंतरात्मा की आवाज और स्वविवेक से प्रेरित होकर एनडीए के कुशल, विनम्र एवं अनुभवी उम्मीदवार को वोट दिया तथा उनकी बड़ी विजय सुनिश्चित की। सभी को हृदय से धन्यवाद।