जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
उसके बाद से एमजीएम के डॉक्टर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
–आईएएनएस
एसएनसी
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
उसके बाद से एमजीएम के डॉक्टर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
उसके बाद से एमजीएम के डॉक्टर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
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दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
उसके बाद से एमजीएम के डॉक्टर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
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दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
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दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
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दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
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पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
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दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
उसके बाद से एमजीएम के डॉक्टर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
उसके बाद से एमजीएम के डॉक्टर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
–आईएएनएस
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जमशेदपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में डॉ. कमलेश उरांव से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 22 सितंबर की सुबह 6 बजे से राज्य भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। यह निर्णय आईएमए की स्टेट कमेटी ने लिया है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। तीन दिनों से जारी हड़ताल में 3,000 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये हैं।
पीजी समेत अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण मेडिसीन, ऑर्थो और सर्जरी ओपीडी पूरी तरह बंद रहा। ईएनटी, गायनी और चाइल्ड डिपार्टमेंट चालू था, जिसे बाद में बंद करा दिया गया। आईएमए, रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और झासा ने मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें दंड दिया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को हटाया जाए। पहले की तरह मेडिकल कॉलेज की देखरेख का अधिकार डायरेक्टर और अधीक्षक के जिम्मे हो।
गौरतलब है कि एजीएम के पीआइसीयू वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. कमलेश उरांव के साथ सोमवार को मारपीट को अंजाम दिया गया था। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस डॉक्टर कमलेश चोटिल हो गए थे।
उसके बाद से एमजीएम के डॉक्टर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।