अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
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अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
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सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
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सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
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सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
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सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
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सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
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सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
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सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
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चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
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दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
–आईएएनएस
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अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
–आईएएनएस
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अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
–आईएएनएस
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अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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अनंतनाग, 25 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है।
सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों पर लाइन में लगकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने भी कहा था कि निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद है।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतनाग में केवल 9 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि राजौरी और पुंछ में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्से घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जिले हैं।
निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि लोग बिना डर के घरों से बाहर निकलकर वोट डाल सकें।
चुनाव आयोग ने 18,36,576 वोटरों के लिए 2,338 मतदान केंद्र बनाए हैं। कुल मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष, 9,02,902 महिला और 27 थर्ड जेंडर शामिल हैं। वोटर लिस्ट में 17,967 विकलांग और 100 साल से ज्यादा उम्र के 540 लोग शामिल हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 हजार प्रवासी वोटर हैं। इनके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की गई है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जेएंडके अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास के बीच है।
भाजपा ने अनौपचारिक रूप से अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया है। भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
पुंछ और राजौरी जिलों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय के लोग इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों की एक बड़ी संख्या हैं। इस समुदाय को हाल ही में सरकार से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।