नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की एक ‘प्रमुख प्राथमिकता’ है और यह जल्द ही किया जाएगा। विश्वसनीय सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि साथ ही भारत के पड़ोस में होने वाली घटनाओं को भी ध्यान में रखना जाएगा।
सूत्र ने कहा, “सरकार जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह मोदी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। उम्मीद है कि यह काम जल्द से जल्द हो जाएगा।”
हालांकि, सूत्र ने कहा कि सरकार को “जम्मू-कश्मीर पर निर्णय लेते समय पड़ोस में क्या हो रहा है, इसे ध्यान में रखना होगा।”
तीन चरणों में होने वाले जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में दिलचस्प चुनावी मुकाबला होने के आसार है। भाजपा, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कई छोटे दल और दो दर्जन से अधिक स्वतंत्र उम्मीदवार मैदान में हैं।
सूत्र ने इस संभावना से इनकार किया कि भाजपा बारामुला के सांसद इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी के साथ गठबंधन करेगी, जिन्हें हाल ही में जमानत पर रिहा किया गया है।
सूत्र ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में नतीजे आने के बाद इंजीनियर राशिद की पार्टी के साथ भाजपा का गठबंधन करने का कोई सवाल ही नहीं है। इंजीनियर यूएपीए के तहत आरोपी हैं। भाजपा राशिद की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं कर सकती।”
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती जैसे जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं के एक वर्ग द्वारा प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेएंडके) खिलाफ प्रतिबंध हटाने की मांग पर सूत्र ने कहा कि जमात पर प्रतिबंध को “चुनावों में भाग लेने से नहीं जोड़ा जा सकता।” गौरतलब है कि जमात लगभग चार दशकों के बाद अप्रत्यक्ष रूप से चुनावों में भाग ले रही है।
सूत्र ने बताया कि सरकार जमात सदस्यों की विध्वंसक गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है।
–आईएएनएस
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